भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने अपनी 160 वर्ष पुरानी तार (टेलीग्राम) सेवा को बंद करने का निर्णय 12 जून 2013 को किया. टेलीग्राम सेवा को 15 जुलाई 2013 से बंद कर दिया जाना है.
इस संबंध में बीएसएनएल के वरिष्ठ महाप्रबंधक शमीन अख्तर ने निर्देश जारी किया. बीएसएनएल तार (टेलीग्राम) सेवा के कर्मियों को कंपनी द्वारा दी जा रही अन्य सेवाओं में नियुक्त कर दिया जाना है.
टेलीग्राम सेवा के बंद होने के कारण
• वर्ष 2013 में टेलीग्राम सेवा में अब मासिक 4-5 हजार रुपए की कमाई हो रही है, जबकि खर्च लाखों में हैं.
• टेलीग्राफ सेवा के कारण बीएसएनएल को प्रत्येक वर्ष 300 से 400 करोड़ रुपए का सालाना नुकसान होता है.
• पिछले दो-तीन दशक में इंटरनेट, ब्रॉडबैंड, मोबाइल और 3जी सेवाओं के चलते लोगों का रुझान तार सेवा से काफी घटा है.
• रिकॉर्ड दस्तावेज या सबूत के लिए चंद लोग ही इसका प्रयोग करते हैं.
भारत में टेलीग्राम सेवा
• वर्ष 1850 में पहली बार टेलीग्राम लाइन तत्कालीन कलकत्ता शहर और उपनगरीय इलाके डायमंड हार्बर के बीच स्थापित की गई थी.
• भारत में टेलीग्राम सेवाओं की शुरुआत वर्ष 1854 में हुई थी.
• वर्ष 2011 में सरकार ने 60 सालों में पहली बार टेलीग्राम शुल्क में इजाफा किया था. अभी किसी ग्राहक को इस सेवा से 50 शब्द भेजने के लिए 27 रुपए खर्च करने पड़ते हैं
• अप्रैल 2013 में बीएसएनएल ने विदेश में दी जा रही तार (टेलीग्राम) सेवा को बंद कर दिया था.
• वर्ष 2013 में भारत में 75 ऐसे केंद्र हैं जहाँ टेलीग्राम सेवा की सुविधा उपलब्ध है और लगभग एक हजार कर्मचारी इसमें काम कर रहे हैं.
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