भारतीय नौसेना के पश्चिमी कमान के प्रमुख वाइस एडमिरल शेखर सिन्हा ने केरल स्थित कोच्चि में उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) के पहले बेड़े को 12 नवम्बर 2013 को नौसेना में शामिल किया. सेना के बेड़े में शामिल किए गए हेलीकॉप्टरों के इस नए दस्ते का नाम इंडियन नेवल एयर स्क्वाड्रन (आईएनएस) 322 रखा गया.
स्क्वाड्रन को शामिल करने का समारोह नौसेना हवाईअड्डे आईएनएस गरुड़ पर किया गया. यह आईएएनएएस 322 का प्रमुख अड्डा होना है. ध्रुव हेलीकॉप्टरों का यह बेड़ा आईएनएएस 322, सोनी के प्रशासकीय नियंत्रण में है.
एएलएच, नौसेना के तलाशी और बचाव कार्य में बहुत लाभदायक होने हैं. रात में देखने के उपकरणों से लैस इन हेलीकॉप्टरों का उपयोग अभियानों और गश्त में भी किया जाना है.
उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) से संबंधित मुख्य तथ्य
• एएलएच, घरेलू तकनीक से निर्मित पहले हेलीकॉप्टर हैं.
• इन्हें ध्रुव नाम दिया गया है.
• इनका डिजाइन और इनका निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने किया.
• इसने भारतीय सेना के तीनों अंगों के अलावा भारतीय तटरक्षक, सीमा सुरक्षा बल और विदेशों में भी अपनी बहुआयामी क्षमता को साबित किया है.
• छोटे अभियानों और तटीय सुरक्षा के लिए ध्रुव जैसे हेलीकॉप्टर नौसेना के लिए उपयोगी हैं.
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