भारत के नियामक बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 3 जून 2013 को नये बैंकों के लिए लाइसेंस सम्बंधी नये दिशा-निर्देश जारी किए. नये नियमों के तहत बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवदेन करने वाली कंपनियों को सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के पश्चात 18 महीनों के भीतर बैंक खोलने होंगे. इससे पहले यह अवधि एक वर्ष थी.
नये नियमों के अनुसार बैंक खोलने के लिए वही कंपनियां आवदेन कर सकती हैं जिनमें सार्वजनिक हिस्सेदारी कम से कम 51 फीसदी है. साथ ही, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और बीमा क्षेत्र की कंपनियों को लाइसेंस के लिए आवदेन करने से पूर्व अपने नियामकों सेबी तथा इरडा से मंजूरी लेनी होगी.
इसके अतिरिक्त बैंक खोलने के लिए 500 करोड़ की पूंजी तथा 10 वर्षों का अच्छा रिकॉर्ड रखने वाली कंपनियां ही आवदेन कर सकती हैं.
नये बैंक खोलने से सम्बंधित घटनाक्रम
• आरबीआई ने दस साल के बाद 2010 में नये बैंको के लिए प्रक्रिया आरम्भ की.
• फरवरी 2010 में तत्कालीन वित्त मंत्री ने आम बजट में नये बैंक खोले जाने की घोषणा की.
• अगस्त 2010 में आरबीआई ने चर्चा पत्र जारी किये.
• अगस्त 2011 में आरबीआई ने सम्बंधित नियमों के प्रारूप जारी किये.
• फरवरी 2013 में नये बैंकों से सम्बंधित नियम जारी किये गए.
• 3 जून 2013 को आरबीआई ने अंतिम दिशा-निर्देश जारी किए.
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