भारतीय रिजर्व बैंक ने प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी एक के बैंकों को बहुराष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों (एमएफआई/ आईएफआईएस) से विदेशी मुद्रा ऋण लेने की अनुमति प्रदान कर दी है.
इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 25 जून 2015 को अधिसूचना जारी की गई.
इस अधिसूचना से पहले श्रेणी एक के बैंक भारतीय रिजर्व बैंक से अनुमति लेने के पश्चात बहुराष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से केवल लघु अवधि के ऋण ले सकते थे.
इस अनुमति के बाद बैंकों को आरबीआई से ऐसी पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी. परन्तु अब यह बैंक केवल उन ही वित्तीय संस्थानों से ऋण ले सकेंगे जिसके शेयर में भारत सरकार की सदस्यता हो या उस संस्थान की स्थापना में एक से अधिक सरकारों का योगदान हो और या जिसके शेयरों में एक से अधिक सरकार और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों की सदस्यता हो.
इसके अतिरिक्त लिए गए ऋण का उपयोग सामान्य बैंकिंग व्यवसाय के लिए किया जाएगा ना की पूंजी वृद्धि के लिए.
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी एक के बैंकों के बारे में-
• प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी एक के बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंधन (फेमा) अधिनियम, 1999 की धारा 10 के तहत भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अनुमोदित तीन अधिकृत मनी चेंजरों (एएमसी) में से एक है.
• वर्तमान में 102 संस्थाओं की प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी एक के बैंकों के रूप में पहचान की गई है इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक और एक्सिस बैंक लिमिटेड बैंक शामिल हैं.
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