मिस्र की संसद ने देश के नए संविधान के मसौदे को 30 नवंबर 2012 को मंजूरी दे दी. उदारवादी पार्टियों ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि देश में अभिव्यक्ति और धर्म की स्वतंत्रता को सीमित किए जाने की कोशिश की जा रही है.
संसद के निचले सदन पीपुल्स असेंबली ने 19 घंटे तक चले सत्र के बाद नए संविधान के 230 अनुच्छेदों के मसौदे को पारित कर दिया. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इस पर दिसंबर 2012 में जनमत संग्रह कराया जाना है.
नए मसौदे में राष्ट्रपति की शक्तियों, देश में इस्लाम और सेना की भूमिका तय की गई है. राष्ट्रपति का कार्यकाल 8 साल सीमित किया गया है. सेना को भी संवैधानिक दायरे में रखने की व्यवस्था है. मानवाधिकारों की स्थिति को भी पुख्ता करने का प्रयास किया गया है.
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