मेघालय सरकार ने राज्य भर में चूहे के बिल वाले कोयला खदानों में खनन और कोयला परिवहन पर 14 मई 2014 को प्रतिबंध लगा दिया. राज्य सरकार ने यह आदेश राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (National Green Tribunal, NGT) के आदेश के अनुपालन में जारी किया.
मेघालय के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पीजेपी हनामन ने पुलिस अधीक्षकों और उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि वे राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के पत्र के आदेशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित करें. प्रतिबंध का उल्लंघन का दोषी पाए जाने वालों पर ‘दण्ड प्रक्रिया संहिता’ (Criminal Procedure Code सीआरपीसी) और ‘भारतीय दंड संहिता’ (आरपीसी) के तहत मामला दर्ज किया जाए.
पृष्ठभूमि
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने एक राज्य में चल रहे प्राचीन और अवैज्ञानिक चूहे के बिल वाले कोयला खदानों और उसके परिवहन पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक पक्षीय अंतरिम आदेश 17 अप्रैल 2014 को पारित किया था. यह आदेश असम के ऑल दिमासा स्टुडेंट्स यूनियन और दीमा हासाओ जिला समिति द्वारा 2 अप्रैल 2014 को किए गए आवेदन पर जारी किया गया था.
एक पक्षीय अंतरिम आदेश
एक पक्षीय अंतरिम आदेश एक कानूनी कार्यवाही है जिसमें एक व्यक्ति अन्य दलों के प्रतिनिधियों या अधिसूचना के गैरहाजिर होने पर दिया जाता है और इसे अदालत के साथ अनुचित एकतरफा अनुबंध के रूप में जाना जाता है. इन आदेशों को अस्थायी या अंतरिम आदेश या चरम स्थिति में जहां बच्चे की सुरक्षा और संरक्षण की बात हो, में अस्थायी तौर पर दिया जाता है.

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