रूस ने 03 फरवरी 2016 को भारत को तीन एमआई-17वी-5 सैन्य मालवाहक हेलीकॉप्टरों की अंतिम खेप सौंप दी. वह 48 ऐसे हेलीकॉप्टरों के एक अन्य सौदे को अंतिम रूप देने की तैयारी भी कर रहा है.
- रोस्टेक स्टेट कॉरपोरेशन कंपनी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के साथ समझौतों के तहत भारत को कजान हेलीकॉप्टर प्लांट की ओर से निर्मित एमआई-17वी-5 हेलीकॉप्टरों की 151 इकाई की आपूर्ति होनी थी.
- रशियन हेलीकॉप्टर्स के महानिदेशक अलेक्सांद्र मिखेयेव के अनुसार भारत रशियन हेलीकॉप्टर्स के लिए प्रमुख बाजारों में से एक है और दक्षिणपूर्व एशिया में रूसी हेलीकॉप्टरों का सबसे बड़े संचालक है. देश में 400 से ज्यादा वाहन संचालित हो रहे हैं.
2008 में किया गया था करार-
- रोसोबोरोनएक्सपोर्ट ने भारत को 80 एमआई-17वी-5 की आपूर्ति करने के लिए 2008 में करार किया था.
- आपूर्ति का यह काम 2011-2013 में पूरा हो गया.
- इसके बाद 2012-13 में वायुसेना, गृहमंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय की जरूरतों को पूरा करने के लिए कुल 71 एमआई-17वी-5 की आपूर्ति करने के लिए करार किए गए.
एमआई-17वी-5 के बारे में-
- भारत को जिन एमआई-17वी-5 की आपूर्ति की गई है वे एमआई-8-17 के प्रौद्योगिकीय रूप से सर्वाधिक विकसित हेलीकॉप्टर हैं.
- प्रत्येक भारतीय एमआई-17वी-5 में एक जटिल नैविगेशन और इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले केएनईआई-8 है.
- भारत को मिले हेलीकॉप्टरों में विभिन्न सूचना प्रणालियों को कम कर के चार मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले में समेटा गया है.
- इससे चालक दल का काम बहुत आसान हो जाता है.
- रोस्टेक स्टेट कारपोरेशन के अनुसार इन हेलीकॉप्टरों में संयुग्मी प्रणालियों (कंजुगेट सिस्टम) के सभी सेंसरों से सूचना एक एकल मोनिटर स्क्रीन पर पेश किया जाता है जिससे उड़ान पूर्व जांच खासी आसान हो जाती है और चालक दल का काम भी आसान हो जाता जाता है.
अब तक 400 हेलीकॉप्टर दे चुका रूस-
- रूस द्वारा निर्मित अब तक करीब 400 हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल भारत कर है.
- इनमें एमआई-4 के 110 हेलीकॉप्टर, एमआई-8 के 128 और एमआई-17 के 160 हेलीकॉप्टर शामिल हैं.
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