लोकसभा में 22 दिसंबर 2015 को बोनस भुगतान संशोधन विधेयक-2015 को मंजूरी प्रदान की गयी. इसके तहत कर्मचारियों के लिए बोनस संबंधी वेतन की पात्रता को 10 हजार रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 21 हजार रुपए कर दिया गया.
इसका उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाना है. इस विधेयक में मासिक बोनस आकलन की सीमा को वर्तमान 3500 रूपये से 7000 रूपये कर दिया गया.
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि यह श्रमिकों के लिए अप्रैल 2014 के प्रभाव से लागू होगा जिससे देश के करोड़ों कर्मचारियों को लाभ होगा.
न्यूनतम वेतन में एकरूपता लाने के बारे में सभी राज्यों के साथ चर्चा की जायेगी और जल्द ही इस बारे में एक राष्ट्रीय वेतन विधेयक लाया जायेगा. अभी देश में केवल 1.7 प्रतिशत ही कुशल कामगार हैं जो अन्य देशों की तुलना में काफी कम है. सरकार स्किल इंडिया के तहत इसे बढ़ाना चाहती है.
गौरतलब है कि भारत में 90 प्रतिशत श्रमशक्ति असंगठित क्षेत्र से है तथा इसके कारण इनमें अधिकतर लोगों को लाभ नहीं मिल पाता.
बोनस भुगतान अधिनियम
बोनस भुगतान अधिनियम, 1965 के तहत फैक्ट्रियों व 20 या इससे अधिक संख्या में कर्मचारी वाले संस्थानों सहित कुछ संस्थानों के कर्मचारियों को सालाना बोनस भुगतान की पात्रता प्रदान करता है और संशोधन के तहत अब 21 हजार रुपये मासिक आय पाने वाले कर्मचारी बोनस के दायरे में आएंगे, जबकि यह पहले 10 हजार रुपये मासिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों तक ही सीमित था.
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