वाणिज्य विभाग की ‘दवा’ अथवा दवा प्रमाणीकरण और सत्यापन आवेदन परियोजना (ड्रग ऑथेंटिकेशन एंड वेरिफिकेशन एप्लीकेशन) ने व्यापार सुविधा श्रेणी के अंतर्गत 31 दिसंबर 2015 को ई-एशिया पुरस्कार जीता. इसकी घोषणा एशिया पसिफ़िक काउंसिल फॉर ट्रेड फैसिलिटेशन एंड इलेक्ट्रॉनिक बिज़नेस (एएफएसीटी), तेहरान, ईरान में की गयी.
इसके अंतर्गत ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल्स के मध्य खोज और पता रखने का एक प्लेटफ़ॉर्म विकसित किया गया है जिससे निर्यातक एवं आयातक को भी लाभ प्राप्त हो सकता है.
दवा परियोजना
• इसका आरंभ 29 जून 2015 को वाणिज्य विभाग द्वारा किया गया.
• इससे उपभोक्ताओं एवं नियामक एजेंसियों को सुगम तरीकों से दवा के प्रमाणीकरण और सत्यापन की सुविधा दी गयी जिससे अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की ब्रांड इमेज बेहतर हो सकती है.
• इस एप्लीकेशन में थोक/खुदरा व्यापारियों के पास उस समय मौजूदा स्टॉक की मात्रा के बारे में जानकारी की सुविधा भी दी गयी है.
• आवश्यकता होने पर, दवा की उपलब्धता का पता लगाया जा सकता है तथा चोरबाज़ारी पर भी नियन्त्रण स्थापित किया जा सकता है.
• इसका उद्देश्य भारत के सभी दवा निर्माताओं को कवर करना है. भारतीय दवा उद्योग में लगभग 250 बड़ी यूनिट हैं जबकि 8000 छोटी और मध्यम दर्जे की यूनिट कार्यरत हैं.
• अभी यह परियोजना पायलट स्टेज पर है लेकिन बाद में इसे सभी दवा निर्यातकों के लिए आवश्यक बना दिया जायेगा.
• एक बार पूर्ण रूप से लागू होने के पश्चात् देश में नकली एवं खराब क्वालिटी की दवाओं का निर्यात नहीं किया जा सकेगा, यदि ऐसा होता है तो उसे आसानी से पता लगाया जा सकेगा एवं उचित कदम उठाया जा सकेगा.
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