वित्त वर्ष 2011-12 की तीसरी तिमाही में भारत की आर्थिक विकास दर 6.1 प्रतिशत रही. वित्त वर्ष 2011-12 की तीसरी तिमाही में विकास दर घटने की प्रमुख वजह खनन, मैन्युफैक्चरिंग और कृषि क्षेत्र की धीमी रफ्तार रही. मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की वृद्धि दर मात्र 0.4 प्रतिशत रही, जबकि खनन क्षेत्र का उत्पादन वित्त वर्ष 2010-11 की समान अवधि के मुकाबले 3.1 प्रतिशत घट गया. कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर भी महज 2.7 प्रतिशत दर्ज की गई.
केंद्रीय सांख्यिकी संगठन द्वारा 29 फरवरी 2012 को आठ बुनियादी उद्योगों की विकास दर जारी की गई. जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार जनवरी 2012 में बुनियादी उद्योगों के क्षेत्र में वृद्धि दर मात्र 0.5 प्रतिशत रह गई. ज्ञातव्य हो कि वित्त वर्ष 2011-12 की दूसरी तिमाही में भारत की आर्थिक विकास दर का अनुमान 6.9 प्रतिशत लगाया गया था. वित्त वर्ष 2010-11 की तीसरी तिमाही में भारत की आर्थिक विकास दर 8.3 प्रतिशत रही थी.
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