केंद्र सरकार ने वित्तीय प्रबंधन को दुरुस्त रखने के लिए वित्तीय जवाबदेही बजट प्रबंधन कानून का पालन नहीं करने वाले राज्यों को राष्ट्रीय लघु बचत कोष से रियायती दरों पर कर्ज नहीं देने का निर्णय 15 सितंबर 2011 को लिया. वित्तीय जवाबदेही बजट प्रबंधन (FRBM: Fiscal Responsibility and Budget Management, एफआरबीएम) कानून के मुताबिक वित्तीय प्रबंधन कर रहे राज्यों को ही राष्ट्रीय लघु बचत कोष (NSSF: National Small Savings Fund) से रियायती दर पर कर्ज देने का प्रस्ताव 13वें वित्त आयोग ने किया था.
ज्ञातव्य हो कि राष्ट्रीय लघु बचत कोष (NSSF: National Small Savings Fund) के तहत राज्यों को नौ प्रतिशत की दर पर कर्ज देने का प्रावधान था. लेकिन जो राज्य वित्तीय जवाबदेही बजट प्रबंधन (FRBM: Fiscal Responsibility and Budget Management, एफआरबीएम) कानून के मुताबिक वित्तीय प्रबंधन नहीं करेंगे उन्हें वर्ष 2012-13 से 10.5 या 9.5 प्रतिशत की दर पर कर्ज मिलना है. हालांकि एफआरबीएम कानून के लक्ष्यों को पूरा कर लेने वाले राज्यों को रियायती दरों पर कर्ज मिलना तय है.
केंद्र सरकार ने 15 सितंबर 2011 को बारहवीं पंचवर्षीय योजना (2012-2017) के एप्रोच पेपर को भी मंजूरी दी. 12वीं पंचवर्षीय योजना के एप्रोच पेपर में वर्ष 2012 से 2017 के दौरान वार्षिक नौ प्रतिशत की आर्थिक विकास दर हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है. 11वीं पंचवर्षीय योजना में औसत वार्षिक विकास दर 8.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
इसके साथ ही केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान (NIMHANS: National Institute of Mental Health and Neuro Sciences) बेंगलूर 2010 विधेयक में संशोधनों को भी मंजूरी प्रदान की.
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