अमेरिका की दो विमानन कंपनियों अमेरिकन एयरलाइंस और यूएस एयरवेज ने आपसी विलय का निर्णय 13 फरवरी 2013 को किया. दोनों कंपनियों के निदेशक मंडल ने सर्वसम्मति से इस सौदे को मंजूरी प्रदान की. इसके साथ ही अमेरिका में बड़ी विमानन कंपनियों की संख्या घटकर चार रह जानी है. अमेरिकन एयरलाइंस के अलावा बाकी तीन कंपनियां हैं यूनाइटेड एयरलाइंस, डेल्टा एयरलाइंस और साउथवेस्ट एयरलाइंस.
इस विलय से संबंधित मुख्य तथ्य:
• दोनों के विलय के बाद नई कंपनी का नाम अमेरिकन एयरलाइंस निर्धारित किया गया.
• इस विलय के बाद कंपनी का इक्विटी मूल्य 11 अरब अमरीकी डॉलर का होना है.
• यूएस एयरवेज के सीईओ डग पार्कर को नई कंपनी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया गया.
• एएमआर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टॉम हार्टन द्वारा कंपनी के शेयरधारकों की पहली बैठक होने तक नई कंपनी में अध्यक्ष के पद पर नियुक्त रहा जाना है. पहली बैठक वर्ष 2014 के मध्य में होने की संभावना है.
• विलय के बाद बनी नई कंपनी अमेरिकन एयरलाइंस में एएमआर और उसके कर्जदाताओं की हिस्सेदारी 72 प्रतिशत की निर्धारित है. वहीं, यूएस एयरवेज की 28 प्रतिशत हिस्सादारी है.
• नई एयरलाइंस कंपनी के पास अब 900 विमान होने हैं, जिनकी रोजाना 3200 उड़ानें संचालित होनी हैं. साथ ही इसके कर्मचारियों की संख्या 95 हजार होनी है. इसके यात्रियों की संख्या यूनाइटेड कॉन्टिनेंटल होल्डिंग्स से 2 प्रतिशत अधिक होनी है. यूनाइटेड विश्व की सबसे बड़ी विमानन कंपनी है.
विदित हो कि एएमआर कार्प द्वारा नवंबर 2011 में दिवालिया से संरक्षण के लिए आवेदन करने के बाद से ही यूएस एयरवेज विलय पर जोर दे रही थी. यह विलय एएमआर को दिवालियेपन से निकालने की रणनीति का हिस्सा है.
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