पाकिस्तान के शहर पेशावर में 2013 में पोलियो के सबसे ज्यादा मामले पाए गए. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पोलियो के मामलों के एक वैश्विक विश्लेषण के बाद यह जानकारी 17 जनवरी 2014 को दी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के विश्लेषण में यह भी कहा गया कि पाकिस्तान अकेला पोलियोग्रस्त देश है, जिसने वर्ष 2013 में पोलियो के वर्ष 2012 में सूचित किए गए मामलों से से भी अधिक मामले सूचित किए. पाकिस्तान ने वर्ष 2012 के 58 मामलों की तुलना में वर्ष 2013 में पोलियो के 83 मामले होने की सूचना दी है. वर्ष 2013 में विश्वभर में पोलियो के 369 मामले पाए गए.
पाकिस्तान में 59 मामले संघ-प्रशासित जनजातीय क्षेत्रों (एफएटीए) में, 10 मामले खैबर पख्तूनख्वा में और 7-7 मामले पंजाब और सिंध में पाए गए.
खैबर पख्तूनख्वा प्रांत को, जिसकी राजधानी पेशावर है और जो जनजातीय जिलों से लगा हुआ है, पाकिस्तान का पोलियो-हॉट स्पॉट पाया गया.
पाकिस्तान से पाए गए पोलियो के समस्त मामले टाइप-1 श्रेणी के हैं. पाकिस्तान से पोलियो के टाइप-3 श्रेणी के किसी मामले की जानकारी नहीं मिली.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के विश्लेषण के अनुसार टोबा टेकसिंह, साहीवाल, लाहौर और मुल्तान में पाए गए मामलों के वायरस एक-दूसरे से घनिष्ठता से जुड़े हैं. यह पंजाब के मध्य क्षेत्र में उल्लेखनीय इम्यूनिटी-गैप के कारण महामारी के प्रकोप के सामान्य स्रोत को प्रतिबिंबित करता है.
परिणामस्वरूप, सबसे तात्कालिक जानपदिक रोगविज्ञान संबंधी (एपिडीमियोलॉजिकल) चुनौती इस क्षेत्र में इस संक्रमण पर अंकुश लगाना है. साथ ही, प्रांत के दक्षिणी जिलों में परम उच्च असंक्राम्यता (सुपर हाई इम्यूनिटी) निर्मित करने की भी जरूरत है, ताकि मध्य क्षेत्र में प्रकोप के बाद दक्षिण की ओर बढ़ने वाले संक्रमण की प्रवृत्ति को उलटा जा सके.
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