विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के विवाद निपटान पैनल ने 24 फरवरी 2016 को सोलर ऊर्जा कार्यक्रम को लेकर भारत के खिलाफ फैसला दिया.
अमेरिका ने इस परियोजना को लेकर इस बात की शिकायत की थी कि भारत इस प्रॉजेक्ट में घरेलू कॉन्टेंट का अधिक इस्तेमाल कर रहा है, जो वैश्विक व्यापार नियमों का उल्लंघन है.
फैसले के मुख्य बिंदु
• तीन सदस्यीय पैनल में न्यूजीलैंड के व्यापारिक दूत डेविड वॉकर ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत का स्थानीय कॉन्टेंट अन्तरराष्ट्रीय संधि के अनुच्छेद 2.1 का उल्लंघन करता है तथा शुल्क तथा व्यापार आम समझौता-1994 के अनुरूप नहीं है.
• स्थानीय कॉन्टेंट की आवश्यकतानुसार उपायों को सामान्य अपवाद के तहत अनुच्छेद XX (j) एवं अनुच्छेद XX(d) के तहत उचित नहीं माना जा सकता.
विवाद
• वर्ष 2013 में संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में शिकायत दर्ज की. इसमें कहा गया कि व्यापार से संबंधित निवेश प्रावधानों के अनुसार कदम नहीं उठाये जा रहे. साथ ही यह भी कहा गया कि घरेलू स्तर पर निर्मित उत्पादों और वित्तीय सब्सिडी नियमों के साथ एक सममूल्य पर आयातित उत्पादों के इलाज के लिए राष्ट्रीय उपचार प्रावधान दिया जाना चाहिए.
• अमेरिका ने शिकायत में कहा कि जवाहरलाल नेहरु राष्ट्रीय सोलर मिशन में केवल भारत में ही निर्मित उपकरणों को ही सब्सिडी दी गयी.
• अमेरिका ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अमेरिका में बने उत्पाद भारत के नियमों के कारण प्रयोग में नहीं लाये जा रहे हैं जबकि इससे देश की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम हो सकती है.
• संयुक्त राज्य अमेरिका ने कहा कि भारत द्वारा वर्ष 2011 में नियम लागू किये जाने के बाद उसके निर्यात में 90 प्रतिशत की कमी आई.
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