श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे ने मृत्युदंड की सजा प्राप्त पांच भारतीय मछुआरों को 19 नवंबर 2014 को क्षमादान दिया. राष्ट्रपति से मिले क्षमादान के बाद इन पांच भारतीय मछुआरों को रिहा कर दिया गया. सभी मछुआरों को भारतीय उच्चायोग को सौंप दिया गया.
श्रीलंका ने यह कदम काठमांडू में होने वाले सार्क शिखर सम्मेलन से ठीक पहले उठाया है. मछुआरों की रिहाई के लिए भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने राजपक्षे से फोन पर भी अनुरोध किया था. इस दिशा में भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी भी सक्रिय थे.
विदित हो कि तमिलनाडु निवासी इमर्सन, पी. ऑगस्टस, आर. विल्सन, के. प्रसाथ और जे. लैंगलेट को वर्ष 2011 में कोलंबो (श्रीलंका) की स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार किया था. कोलंबो हाईकोर्ट ने इनको मादक पदार्थों (ड्रग्स) के तस्करी के लिए मौत की सजा सुनाई थी. आदेश के खिलाफ भारतीय उच्चायोग ने श्रीलंका के सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था.
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