स्नेहा नाम की सफेद बाघिन ने 27 जुलाई 2014 को ओडीशा के नंदनकानन जैविक उद्यान में काले शावक को जन्म दिया. देश में यह पहली बार है जब किसी सफेद बाघिन ने काले शावक को जन्म दिया है. काले बाघ आमतौर पर ओडीशा के मयूरभंज जिले के सिमिलिपल टाइगर रिजर्व में देखे जाते हैं.
पांच वर्षीय स्नेहा ने अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस जो कि दुनिया भर में 29 जुलाई को मनाया गया, से दो दिन पहले शावकों को जन्म दिया जिसमें से एक शावक काले रंग का था. आठ वर्षीय रॉयल बंगाल टाइगर मनीश इन शावकों का पिता है.
नंदनकानन जैविक उद्यान में बाघों की आबादी
नए जन्म को शामिल किए जाने के बाद इस उद्यान में बाघों की कुल संख्या 27 हो गई है. इस चिड़ियाघर में आठ सफेद बाघ हैं जिनमें से पांच बाघिन हैं. इन चार शावकों के जन्म से पहले, इस उद्यान में 13 जनवरी 2012 को तीन बाघों का जन्म हुआ था. ये शावक सारा बाघिन और ऋषि बाघ के थे.
नंदनकानन जैविक उद्यान
नंदनकानन जैविक उद्यान कानजिया झील के आसपास के क्षेत्र में स्थित है और यह चंदका– डंपारा वन्यजीव अभ्यारण्य के निकट है. आम रंग वाले बाघों से सफेद बाघ के जन्म ने नंदनकानन को दुनिया में सफेद बाघों के लिए प्रमुख मेजबान चिड़ियाघर के तौर पर प्रसिद्धि दिलाई है. आम रंग वाले माता– पिता से सफेद बाघ का जन्म वर्ष 1980 में हुआ था जो दुनिया में एक अनोखी घटना थी.
यह देश का पहला चिड़ियाघर है जहां वर्ष 1980 में विलुप्तप्राय घड़ियालों का जन्म हुआ था. नंदनकानन घड़ियालों और हिप्पोपोटेमस के लिए सबसे बड़े बाड़ों में से एक है.
इसके अलावा, यह भारत के कुछ खास जानवरों के लिए एक मात्र चिड़ियाघर भी है–
- पातस बंदर (इथ्रोसेबस पातस)
- इस्टर्न रोजेल्ला (प्लैटीसेरस एक्सीमस)
- ओपन बिल्ड स्टोर्क (एनास्टोमस ऑसिटेन्स)
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