सर्वोच्च न्यायालय ने 1 जुलाई 2014 को जम्मू एवं कश्मीर सरकार को विश्व प्रसिद्ध डल झील की प्राचीन सुंदरता को बहाल करने के लिए प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया.
जस्टिस टी एस ठाकुर और जस्टिस सी नागप्पन की सर्वोच्च न्यायालय बेंच ने जलमार्ग विकास प्राधिकरण (एलएडब्ल्यूडीए) के उपाध्यक्ष इरफान यासिन की सेवाओं को खत्म करने की जम्मू एवं कश्मीर सरकार की दलीलों को खारिज कर दिया. इसके अलावा, सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को डल झील और उसे प्रदूषण एवं उसकी परिधि में होने वाले अतिक्रमण को रोकने के लिए जम्मू एवं कश्मीर के उच्च न्यायालय के सभी निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया.
पृष्ठभूमि
इससे पहले, उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को जे एंड के एलएडब्ल्यूडीए के अध्यक्ष के तौर पर एक पूर्णकालिक अधिकारी की नियुक्ति करने का निर्देश दिया था लेकिन नियुक्ति की समय सीमा पास होने के बावजूद सरकार ने पहले से ही सेवारत अधिकारी को झील प्राधिकरण का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया.
एलएडब्ल्यूडीए के नियमित अध्यक्ष की अनुपस्थिति में राज्य सरकार ने एलएडब्ल्यूडीए के उपाध्यक्ष इरफान यासिन के कार्यकाल को बढ़ा दिया जिन्हें 31 मार्च 2014 को सेवानिवृत्त होना था. जम्मू एवं कश्मीर की राज्य सरकार ने एलएडब्ल्यूडीए के उपाध्यक्ष इरफान यासिन के कार्यकाल बढ़ाने जाने के मामले में हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
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