सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आर.एम. लोढा के नेतृत्व वाले ‘कॉलेजियम’ ने 14 मई 2014 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद हेतु चार लोगों के नाम की सरकार से सिफारिश की. इनमें पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम एवं रोहिंगटन एफ नरीमन, न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा (मुख्य न्यायाधीश, कलकत्ता उच्च न्यायालय), न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल (मुख्य न्यायाधीश, उडीसा उच्च न्यायालय) के नाम शामिल है.
गोपाल सुब्रमण्यम और रोहिंगटन नरीमन सिफारिश किये गए चार में से दो ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्हें वकील से सीधे न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की गई है. वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश सहित न्यायाधीशों के कुल 30 स्वीकृत पद हैं, जिसमें तीन पद रिक्त हैं. कुल 27 न्यायाधीशों में से मुख्य न्यायाधीश आर.एम. लोढा सहित 6 न्यायाधीश वर्ष 2014 में ही सेवानिवृत्त हो जाएंगे.
विशेषीकृत तथ्य
भारत में आमतौर पर वकीलों को सीधे न्यायाधीश नियुक्त करने का प्रचलन नहीं है परंतु भारतीय संविधान इसकी इजाजत देता है और पहले भी ऐसा हुआ है. आजाद भारत के इतिहास में पहली बार न्यायमूर्ति एस.एम. सिकरी को वर्ष 1964 में वकील से सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. जो वर्ष 1973 में मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए. उसके बाद न्यायमूर्ति एस.सी. राय को वर्ष 1971 में तथा न्यायमूर्ति कुलदीप सिंह को वर्ष 1988 में वकील से सीधे न्यायाधीश नियुक्त किया गया.
वर्तमान सिफारिश के पूर्व अंतिम बार वकील से सीधे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनने वाले आखिरी न्यायाधीश एन संतोष हेगड़े थे, जिनकी नियुक्ति वर्ष 1999 में हुई थी.
कोलीजियम
कोलीजियम भारतीय सर्वोच्च न्यायालय की एक प्रमुख निर्णायक संस्था है. इसमें मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में सर्वोच्च न्यायालय के पांच वरिष्ठतम न्यायाधीश होते हैं. कोलीजियम के माध्यम से नए न्यायाधीशों की नियुक्ति एवं अन्य अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायाधीशों से संबंधित विवाद में निर्णय लिया जाता है.
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