सुप्रीम कोर्ट ने मेघालय के मुख्यमंत्री के एसटी दर्जे की प्रमाणिकता की पुष्टि करने का आदेश दिया

Jan 22, 2014, 18:02 IST

सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को मेघालय के मुख्यमंत्री की अनुसूचित जनजाति के दर्जे की प्रमाणिकता की पुष्टि के आदेश दिये.

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 20 जनवरी 2014 को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) को मेघालय के मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के अनुसूचित जानजाति के दर्जे की प्रमाणिकता की पुष्टि करने का आदेश दिया है. यह आदेश राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा दी गई चुनौती के बाद आया है.

भारत के मुख्य न्यायाधीश, पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली बेंच ऑल नॉर्थ ईस्ट इंडिजिनस गारो लॉ प्रोमोटर एसोसिएशन द्वारा दायर की गई एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए संगमा के अनुसूचित जनजाति के दर्जे की चुनौती पर विचार करने से मना कर दिया और कहा कि इसका फैसला आयोग करेगी. न्यायधीश ने आयोग से इस शिकायत पर गौर करने और आगामी आठ सप्ताह में अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

एसोसिएशन संगमा को दी गई अनुसूचित जनजाति प्रमाणपत्र को रद्द करने की मांग कर रही थी. संगमा ने 2013 में दक्षिण गारो हिल्स में अमपति निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीता था.

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाती आयोग (एनसीएसटी)
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाती आयोग (एनसीएसटी) की स्थापना संविधान अधिनियम, 2003 (89वां संशोधन) में अनुच्छेद 338 को संशोधित कर और नए अनुच्छे 338ए को जोड़ कर की गई थी. इस संशोधन के जरिए, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं जनजाती आयोग दो अलग आयोग द्वारा बदल दिया गया था जो 19 फरवरी 2004 से प्रभावी हुआ. ये आयोग थे–

•    राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी)
•    राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी)

इस कार्यालय के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल नियुक्ति की तिथि से आगामी तीन वर्षों तक का होता है. अध्यक्ष को केंद्रीय मंत्री, उपाध्यक्ष को राज्य मंत्री और अन्य सदस्यों को भारत सरकार के सचिव का रैंक मिलता है.

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग अपने नई दिल्ली मुख्यालय और छह राज्यों में स्थित कार्यालय से से काम करता.

मुख्यालय में चार विंग हैं-
•    प्रशासन एवं समन्वय विंग
•    सर्विस सेफगार्ड विंग
•    अत्याचार विंग
•    आर्थिक एवं सामाजिक विकास विंग

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के छह राज्य कार्यालय हैं. ये राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में अनुसूचित जनजातियों के कल्याण से संबंधित नीतियों और दिशानिर्देशों के निर्माण पर नजर रखते हैं और आयोग के मुख्यालय को समय– समय पर विकास के बारे में सूचना भेजते रहते हैं.

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के राज्य कार्यालय के स्थान और क्षेत्राधिकार

मुख्यालय एवं क्षेत्राधिकार

प्रभारी अधिकारी का पद

भुवनेश्वर

ओडीशा, पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप, आंध्रप्रदेश, तमिल नाडु और पॉन्डिचेरी

शोध अधिकारी

भोपाल

मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, गोवा, दादर एवं नगर हवेली और लक्ष्यद्वीप

निदेशक

रायपुर

छत्तीसगढ़

निदेशक ( अतिरिक्त प्रभार )

जयपुर

राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तरांचल, जम्मू और कश्मीर, चंडीगढ़ और दमन दीव

निदेशक

शिलांग

 मेघालय, मिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा, नगालैंड, असम, अरूणाचल प्रदेश और सिक्किम

सहायक निदेशक

रांची

झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश

शोध अधिकारी ( अतिरिक्त प्रभार)  

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