औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के आंकड़ों के अनुसार, भारत के सेवा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में 15% की कमी दर्ज की गई है. डीआईपीपी द्वारा इसकी घोषणा अगस्त 2015 के दूसरे सप्ताह में की गई.
डीआईपीपी के अनुसार, सेवा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) अप्रैल-मई 2015 में 15 प्रतिशत घटकर 48.8 करोड़ डालर रहा. औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के आंकड़ों के अनुसार इससे पिछले वर्ष इसी अवधि में 57.4 करोड़ डालर का निवेश आया था.
सेवा क्षेत्र में बैंकिंग, बीमा, आउटसोर्सिंग, अनुसंधान एवं विकास, कूरियर एवं प्रौद्योगिकी परीक्षण जैसे क्षेत्र शामिल हैं. देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सेवा क्षेत्र का योगदान 60 प्रतिशत से अधिक है. वर्ष 2013-14 में क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़कर 3.25 अरब डालर रहा जो 2012-13 में 2.22 अरब डालर था. व्यापार, वाहन तथा बिजली क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ने से चालू वित्त वर्ष के अपैल-मई में कुल एफडीआई सालाना आधार पर 40 प्रतिशत बढ़कर 7.45 अरब डालर रहा.
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