हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में विभिन्न विकास कार्यों हेतु विश्व बैंक से 29 सितंबर 2012 को नई दिल्ली में एक समझौता किया. इस समझौते पर हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव एस रॉय, भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रबोध सक्सेना व विश्व बैंक के भारत में गर्वर्नेंस सलाहकार रोलैंड लोम्मे ने हस्ताक्षर किए.
समझौते के आधार पर राज्य को ऊर्जा, जलागम प्रबंधन, उद्योग तथा पर्यटन जैसे क्षेत्रों में विकास के लिए 10 करोड़ डॉलर आर्थिक मदद दी जानी है. हिमाचल प्रदेश सरकार को यह आर्थिक मदद कर्ज के रूप में दी जाएगी व इससे राज्य में सुविधाओं के विस्तार के साथ ही नए रोजगार का भी सृजन होगा.
हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव एस रॉय के अनुसार विश्व बैंक के इस कार्यक्रम से हिमाचल प्रदेश में मौसम परिवर्तन के प्रभावों को कम किया जा सकेगा, वहीं ऊर्जा के क्षेत्र में और अधिक आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए जल विद्युत क्षमता का विकास होगा.
विश्व बैंक से मिली मदद को जल विद्युत के लिए बेहतर नीति एवं प्रणाली विकसित करने में खर्च किया जाना है. वर्तमान योजना के तहत जल विद्युत विकास में पर्यावरण को न्यूनतम क्षति पहुंचाते हुए कारगर नीति तैयार की जा रही है.
साथ ही हिमाचल प्रदेश सरकार पर्यावरण मित्र उद्योगों को भी बढ़ावा देगी ताकि राज्य का औद्योगिक विकास बढ़े. यह राशि जलागम प्रबंधन एवं संरक्षण के लिए समुदाय आधारित कार्यक्रम पर भी खर्च की जानी है.
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