कौन थे नवाब और भारत में कहां-कहां रहा नवाबों का शासन, यहां पढ़ें

Jul 3, 2025, 12:01 IST

इतिहास उठाकर देखें, तो हमें नवाब जैसे शब्द पढ़ने के मिलते हैं। वहीं, लखनऊ को नवाबों का शहर भी कहा जाता है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि आखिर यह नवाब शब्द कहां से आया और ये नवाब थे कौन, इन्हीं सभी सवालों का जवाब जानने के लिए यह पूरा लेख पढ़ें।

भारत में नवाबों का इतिहास
भारत में नवाबों का इतिहास

भारत के इतिहास के पन्ने पलटकर देखें, तो हमें नवाबों का जिक्र मिलता है। यह शब्द सुनने और पढ़ने में जितना राजशाही लगता है, उतना ही इनका इतिहास भी रोचक है। भारत के अलग-अलग सूबे में नवाबों का राज रहा। यहां तक कि यूपी की राजधानी लखनऊ को नवाबों के शहर के नाम से भी जाना जाता है। वहीं, लखनऊ के अलावा भारत में ऐसे कई शहर हैं, जहां नवाबों का शासन रहा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि ये नवाब थे कौन और आखिर इनका भारत में क्या इतिहास रहा है, यदि नहीं, तो इस लेख को पूरा पढ़ना न भूलें। 

कहां से आया नवाब शब्द

सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि नवाब शब्द कहां से आया है। दरअसल, भारत में नवाब शब्द की पहल मुगल काल में हुई थी। यह अरबी भाषा का एक शब्द है, जो कि ‘नाइब’ से आया है। इसके अर्थ की बात करें, तो इसका अर्थ प्रतिनिधि या सूबेदार होता है। इनके कार्य की बात करें, तो यह मुगल शासकों द्वारा नियुक्त प्रांतीय गर्वनर हुआ करते थे। 

कैसे हुआ नवाबों का उदय

भारत में मुगल शासक औरंगजेब की मृत्यु के बाद केंद्रीय सत्ता कमजोर हो गई थी। इस बीच अलग-अलग प्रांतों के सूबेदारों ने प्रांतों में स्वायत्तता घोषित करने की शुरुआत की। सूबेदारों ने खुद से ही सत्ता संभालना शुरू किया और केवल नाममात्र के लिए ही मुगल शासन के साथ अपना नाम जोड़ा। ऐसे में इन सूबेदारों को नवाब कहा जाने लगा।

भारत में कहां-कहां रहा नवाबों का शासन

अवध के नवाब (लखनऊ): यह प्रांत अपने यहां के नवाबों के लिए जाना जाता है। प्रांत की राजधानी लखनऊ थी, जो कि नवाबों का शहर भी कहलाया। अवध में सआदत अली खान द्वारा 1722 में नवाबशाही की नींव रखी गई थी। यहां के नवाब अपने यहां के संगीत, नवाब कला, कविता और मुगलई व्यंजन के लिए जाने जाते थे। यहां कुछ प्रमुख नवाबों की बात करें, तो सफदर जंग, शुजा-उद-दौला, आसफ-उद-दौला और वाजिद अली शाह थे। वाजिद अली शाह अवध के अंतिम नवाब थे। 

बंगाल के नवाब (मुर्शिदाबाद):  यहां 18वीं सदी में मुर्शिद कुली खान ने शासन शुरू किया और बंगाल को स्वायत्त बनाने का काम किया। हालांकि, 1757 में प्लासी के युद्ध में ब्रिटिश कंपनी से टकराव के बाद बंगाल में ब्रिटिश राज हुआ।

कर्नाटक के नवाब (आरकाट): दक्षिण भारत पर गौर करें, तो यहां आरकाट के नवाबों का नाम भी रहा है। यहां के नवाब ब्रिटिश के साथ-साथ फ्रांसीसी कंपनियों के साथ युद्ध में लड़े।

हैदराबाद के निजाम: हैदराबाद में नवाबों के नाम की जगह निजाम शब्द ने ली थी। हालांकि, यहां के निजाम ने भी स्वायत्त प्रांत घोषित करते हुए मुगलों से अपना किनारा कर लिया था।

कैसे हुआ नवाबों का पतन

अब सवाल है कि आखिर नवाबों का पतन कैसे हुआ, तो इसके लिए अलग-अलग कारक जिम्मेदार हैं। इसमें कुछ प्रमुख कारकों की बात करें, तो लॉर्ड वेलेजली की सहायक संधियों ने नवाबों के अधिकार को सीमित कर दिया था।

वहीं, रही-सही कमी में लॉर्ड डलहौजी द्वारा Doctrine of Lapse और कुप्रशासन के आरोपों के साथ इन प्रांतों को राज्यों में मिला दिया गया। आपको बता दें कि साल 1856 में अवध सूबे को कुप्रशासन को आरोप लगाते हुए ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा बना लिया गया था। इसके बाद यहां 1857 में बेगम हजरत महल ने क्रांतिकारी विद्रोह में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। धीरे-धीरे नवाबों का सत्ता कम हुई और ब्रिटिश राज पूरी तरह से भारत में काबिज हो गया।

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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