भारत से जब भी विदेश जाने की बात होती है, तो हम अक्सर फ्लाइट की बुकिंग करते हैं। कई बार जल्दबाजी में हमें फ्लाइट की महंगी टिकटें भी खरीदनी पड़ती हैं। वहीं, यदि पर्यटन में भारत के नजदीकी देशों की बात करें, तो एशिया में मौजूद थाइलैंड पर्यटन के लिहाज से भारतीयों के लिए प्रमुख जगह है।
हर साल यहां पहुंचने वाले विदेशी सैलानियों की संख्या अधिक है, जो कि यहां पर प्रकृति की गोद में मौजूद खूबसूरत नजारों को देखने को पहुंचते हैं। हालांकि, अब यहां पहुचंने के लिए आपको फ्लाइट के टिकट के झंझट में नहीं फंसना पड़ेगा, बल्कि अब आप अपने वाहन के माध्यम से भी यहां पर पहुंच सकते हैं।
इसके लिए भारत से लेकर थाइलैंड के बीच सड़क तैयार हो रही है। खास बात यह है कि इस रूट का अधिकांश काम पूरा हो गया है। ऐसे में जल्द ही यह सुविधा लोगों के बीच में उपलब्ध होगी। इस लेख के माध्यम से हम इस रूट के बारे में जानेंगे।
BIMSTEC परियोजना के तहत बनाई जा रही है सड़क
भारत से थाईलैंड के बीच बन रही यह सड़क बिम्सटेक परियोजना के तहत बनाई जा रही है। आपको बता दें कि यह एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो कि दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया को जोड़ने का काम करता है।
इसकी स्थापना की बात करें, तो यह कोल्ड वार के बाद 1997 में स्थापित किया गया था। साथ ही इसका प्रमुख उद्देश्य इसके सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग में सुधार करना है। इसके सदस्य देश भारत, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाइलैंड है।
कितने देशों से पूरा होगा सफर
भारत से थाइलैंड पहुंचने के लिए कुल तीन देशों की यात्रा होगी। इसके तहत भारत से यात्रा शुरू होकर पहले म्यांमार और फिर थाइलैंड तक पहुंचा जा सकेगा। इस दौरान कुल सड़क की बात करें, तो आपको कुल 1360 किलोमीटर का रास्ता तय करना होगा।
कब तक पूरा होगा निर्माण
इस परियोजना का प्रस्ताव पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा 2002 में दिया गया था, जिसे साल 2027 तक पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है।
वहीं, इसके तहत तय रूट पर अधिकांश सड़क का हिस्सा पूरा हो गया है, जिसमें सबसे अधिक सड़क का हिस्सा भारत में है और दूसरा हिस्सा थाइलैंड में है। इन दोनों जगहों पर सड़क का निर्माण पूरा हो गया है, जबकि म्यांमार में सड़क का निर्माण रह रहा है।
क्या होगा सड़क का रूट
इस सड़क के रूट की बात करें, तो यह कोलकाता से शुरू होकर सिलीगुड़ी तक जाता है और कूचबिहार होते हुए बंगाल के श्रीरामपुर सीमा से असम में प्रवेश करता है।
असम से होते हुए दीमापुर और नागालैंड की यात्रा के बाद आप मणिपुर के इंफाल के पास मोरेह नाम की जगह से विदेश यानी म्यांमार में प्रवेश कर जाएंगे।
म्यांमार में बागो और यंगून होते हुए आप थाइलैंड में प्रवेश कर जाएंगे और यहां आपका सफर बैंकॉक में जाकर पूरा होगा।
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