Ambedkar Jayanti 2025: डॉ बीआर अंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल को मनाई जाती है और इसे अंबेडकर जयंती या भीम जयंती के रूप में भी जाना जाता है। उन्हें हमारे देश में अग्रणी राष्ट्रीय निर्माता माना जाता है।
आज डॉ. अंबेडकर की 132वीं जयंती मनाई जा रही है। वह एक विश्वस्तरीय वकील, समाज सुधारक और भारत सरकार के सामाजिक न्याय मंत्रालय के अनुसार विश्वस्तरीय प्रथम विद्वान थे। उन्हें भारत में दलित बौद्ध आंदोलन के पीछे की ताकत होने का श्रेय दिया जाता है।
उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को महू (अब मध्य प्रदेश में) के एक अछूत परिवार में हुआ था और उनकी मृत्यु 6 दिसंबर 1956 को दिल्ली में हुई थी।
अंबेडकर जयंती पर डॉ. बी.आर. अम्बेडकर के बारे में मुख्य तथ्य
-अंबेडकर की जन्म तिथि: 14 अप्रैल 1891
-अम्बेडकर जन्मस्थान: महू, मध्य प्रदेश (अब डॉ अम्बेडकर नगर)
-अम्बेडकर की मृत्यु: 6 दिसम्बर 1956 (आयु 65)
-अन्य नाम: बाबासाहेब अंबेडकर
-राष्ट्रीयता: भारतीय
-अंबेडकर के पिता: रामजी मालोजी सकपाल
-अंबेडकर की माता : भीमाबाई
-पत्नी: रमाबाई अंबेडकर (विवाह 1906 - मृत्यु 1935), डॉ. सविता अंबेडकर (विवाह 1948 - मृत्यु 2003)
-अम्बेडकर के पुत्र: यशवन्त भीमराव अम्बेडकर
-पौत्र: प्रकाश अंबेडकर
-अम्बेडकर की शैक्षिक डिग्रियां: मुंबई विश्वविद्यालय (बी.ए.), कोलंबिया विश्वविद्यालय (एम.ए., पी.एच.डी., एल.एल.डी.), लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एमएससी, डीएससी), ग्रेज इन (बैरिस्टर-एट-लॉ)
-पुरस्कार/सम्मान: बोधिसत्व (1956), भारत रत्न (1990), अपने समय से आगे रहने वाले पहले कोलंबियाई (2004), महानतम भारतीय (2012)
-अम्बेडकर की राजनीतिक पार्टी: शेड्यूल्ड कास्ट फेडरेशन, इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया
- सामाजिक संगठन: बहिष्कृत हितकारिणी सभा, समता सैनिक दल
डॉ. बी.आर अंबेडकर से जुड़े तथ्य
-डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर अपने माता-पिता की 14वीं और अंतिम संतान थे।
-डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर का असली उपनाम अम्बावाडेकर था। लेकिन, उनके शिक्षक महादेव अंबेडकर ने स्कूल रिकॉर्ड में उन्हें अंबेडकर उपनाम दे दिया।
-डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर विदेश से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट (पीएचडी) की डिग्री प्राप्त करने वाले पहले भारतीय थे।
-डॉ. अम्बेडकर एकमात्र भारतीय हैं, जिनकी मूर्ति लंदन संग्रहालय में कार्ल मार्क्स के साथ लगी हुई है।
-भारतीय तिरंगे में "अशोक चक्र" को स्थान देने का श्रेय भी डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर को जाता है। हालांकि, राष्ट्रीय ध्वज का डिजाइन पिंगली वेंकैया ने तैयार किया था।
-नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. अमर्त्य सेन ने डॉ. बी. आर अम्बेडकर को अर्थशास्त्र में अपना पिता मानते थे।
-मध्य प्रदेश और बिहार के बेहतर विकास के लिए बाबा साहब ने 50 के दशक में ही इन राज्यों के विभाजन का प्रस्ताव रखा था, लेकिन 2000 के बाद ही मध्य प्रदेश और बिहार को विभाजित करके छत्तीसगढ़ और झारखंड का गठन किया गया।
-बाबासाहेब के निजी पुस्तकालय "राजगृह" में 50,000 से अधिक पुस्तकें थीं और यह दुनिया का सबसे बड़ा निजी पुस्तकालय था।
-डॉ. बाबासाहेब द्वारा लिखित पुस्तक "वेटिंग फॉर ए वीज़ा" कोलंबिया विश्वविद्यालय में एक पाठ्यपुस्तक है। कोलंबिया विश्वविद्यालय ने 2004 में विश्व के शीर्ष 100 विद्वानों की सूची बनाई थी और उस सूची में पहला नाम डॉ. भीमराव अंबेडकर का था।
-डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर 64 विषयों में स्नातकोत्तर थे। उन्हें हिंदी, पाली, संस्कृत, अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, मराठी, फारसी और गुजराती जैसी 9 भाषाओं का ज्ञान था। इसके अलावा उन्होंने लगभग 21 वर्षों तक विश्व के सभी धर्मों का तुलनात्मक अध्ययन किया।
-लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में बाबासाहेब ने 8 साल की पढ़ाई सिर्फ 2 साल और 3 महीने में पूरी कर ली थी। इसके लिए उन्होंने प्रतिदिन 21 घंटे पढ़ाई की।
-डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर का अपने 850,000 समर्थकों के साथ बौद्ध धर्म में दीक्षा लेना विश्व में ऐतिहासिक रूप से महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि यह विश्व का सबसे बड़ा धर्मांतरण था।
-बाबासाहेब को बौद्ध धर्म में दीक्षित करने वाले महान बौद्ध भिक्षु "महंत वीर चंद्रमणि" ने उन्हें "इस युग का आधुनिक बुद्ध" कहा था।
-बाबासाहेब विश्व के पहले और एकमात्र व्यक्ति हैं, जिन्हें लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से "डॉक्टर ऑल साइंस" नामक मूल्यवान डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त हुई। कई बुद्धिमान छात्रों ने इसके लिए प्रयास किया है, लेकिन वे अब तक सफल नहीं हो सके हैं।
-विश्वभर में सबसे अधिक गीत और पुस्तकें जिस नेता के नाम पर लिखी गयी हैं, वे हैं डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर हैं।
-गवर्नर लॉर्ड लिनलिथगो और महात्मा गांधी का मानना था कि बाबासाहेब 500 स्नातकों और हजारों विद्वानों से अधिक बुद्धिमान हैं।
-बाबासाहेब विश्व के पहले और एकमात्र सत्याग्रही थे, जिन्होंने पीने के पानी के लिए सत्याग्रह किया था।
-1954 में नेपाल के काठमांडू में आयोजित "विश्व बौद्ध परिषद" में बौद्ध भिक्षुओं ने डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को बौद्ध धर्म की सर्वोच्च उपाधि "बोधिसत्व" प्रदान की थी। उनकी प्रसिद्ध पुस्तक "बुद्ध और उनका धम्म" भारतीय बौद्धों का "धर्मग्रंथ" है।
-डॉ. बाबासाहेब ने तीन महापुरुषों, भगवान बुद्ध, संत कबीर और महात्मा फुले को अपना "प्रशिक्षक" माना था।
-बाबासाहेब की प्रतिमा विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमाओं में से एक है। उनकी जयंती भी पूरे विश्व में मनाई जाती है।
-बाबासाहेब पिछड़े वर्ग के पहले वकील थे।
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