बिहार में विभिन्न महत्त्वपूर्ण नदियों का प्रवाह होता है। इन नदियों पर कई लंबे और बड़े पुल बने हुए हैं, जो कि दो स्थानों की बीच दूरी कम करने के साथ अद्भुत इंजीनियरिंग का मिसाल भी पेश करते हैं। इस कड़ी में क्या आप जानते हैं कि बिहार का सबसे लंबा रेल पुल कौन-सा है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
बिहार का सबसे लंबा रेल पुल
बिहार का सबसे लंबा पुल जेपी सेतु (जयप्रकाश नारायण सेतु) है। यह बिहार का प्रमुख रेल-सह-सड़क पुल है। बिहार का यह पुल पटना को सोनपुर (सारण जिला) से जोड़ता है और गंगा नदी पर बना है। यह पुल बिहार के यातायात, व्यापार और कनेक्टिविटी में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कितना लंबा है रेल पुल
बिहार का जेपी सेतु पूरी तरह से लोहे से बना हुआ है, जो कि एक डबल डेकर पुल है। पुल पर नीचले डेक पर ट्रेन का संचालन होता है। वहीं, ऊपरी डेक पर रोड यातायात है। इसकी कुल लंबाई 4.56 किलोमीटर है। वहीं, इसकी चौड़ाई की बात करें, तो यह 20 मीटर है।
निर्माण और उद्घाटन
पुल का निर्माण कार्य 2006 में शुरू हुआ था, जो कि पूरे 10 वर्षों में 2016 में जाकर पूरा हुआ। पुल का उद्घाटन 11 फरवरी 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। वहीं, सड़क मार्ग का उद्घाटन 11 जून 2017 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किया गया था।
कितनी लागत में तैयार हुआ पुल
पुल का निर्माण भारतीय रेल और बिहार सरकार के संयुक्त प्रयास से किया गया था, जो कि लगभग 2232 करोड़ रुपये में हुआ था।
यात्रा समय में कमी
पहले पटना से सोनपुर जाने में 45-60 मिनट लगते थे, अब यह पुल यह सफर 10-15 मिनट में पूरा कर देता है। साथ ही, उत्तर बिहार से पटना और हाजीपुर आने-जाने वालों के यात्रियों के लिए भी समय की बचत है।
जेपी सेतु से जुड़े अन्य महत्त्वपूर्ण पुल
महात्मा गांधी सेतु: 5.75 किमी (पटना-हाजीपुर) – जेपी सेतु का मुख्य विकल्प।
मुंगेर गंगा सेतु: 3.19 किमी (मुंगेर-बेगूसराय) – बिहार का सबसे लंबा रेल-सह-सड़क पुल।
राजेंद्र सेतु: 2.0 किमी (बख्तियारपुर-बेगूसराय)।
कोसी महासेतु: 1.9 किमी (सुपौल-फारबिसगंज)।
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