उत्तर प्रदेश भारत में सबसे अधिक जिले वाला राज्य है। यहां पर कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडल में आते हैं। इसके साथ ही साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है।
यह राज्य भौगोलिक, आर्थिक और राजनीतिक दृष्टि से भारत का अति महत्वपूर्ण राज्य है। इस राज्य के विकास के पहिये में यहां की नदियों का भी अहम योगदान हैं, जो कि कृषि से लेकर पीने के पानी के लिए उपयोगी है।
इस कड़ी में क्या आप उत्तर प्रदेश में बहने वाली प्रमुख नदियों के बारे में जानते हैं। यदि आप उत्तर प्रदेश या फिर किसी अन्य प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए उपयोगी हो सकता है।
उत्तर प्रदेश में कितनी नदियां बहती हैं
उत्तर प्रदेश 75 जिलों के साथ भारत के बड़े राज्यों में शुमार है। इसका कुल क्षेत्रफल 243,286 वर्ग किलोमीटर है। यहां बहने वाली कुल नदियों की बात करें, तो यहां करीब 30 नदियों का प्रवाह होता है।
उत्तर प्रदेश में बहने वाली प्रमुख नदियां
गंगा नदी
उत्तर प्रदेश में बहने वाली गंगा नदी सबसे प्रमुख नदियों में से एक है। यह उत्तर प्रदेश में बिजनौर जिले से प्रवेश करती है और गढ़मुक्तेश्वर, सोरो, फर्रूखाबाद, कन्नौज, बिठुर, कानपुर व प्रयागराज पहुंचती है।
यहां पहुंचने पर इसका संगम यमुना नदी से होता है, जिसके बाद यह अपने आगे का सफर करते हुए शिव नगरी यानि वाराणसी पहुंचती है। यहां पहुंचने के बाद यह मिर्जापुर और गाजीपुर होते हुए उत्तर प्रदेश से बाहर निकल बिहार में पहुंचती है।
कुल लंबाई- 2525 किमी
सहायक नदियां- अलकनंदा, भागीरथी, यमुना, गोमती, घाघरा, गंडक व कोसी।
यमुना नदी
यमुना नदी उत्तर भारत की प्रमुख नदियों में से एक है, जो कि उत्तराखंड से सफर शुरू कर हरियाणा, दिल्ली और अंत में उत्तर प्रदेश में पहुंचती है। यहां पहुंचने पर प्रयागराज जिले में अपना सफर गंगा में मिलकर समाप्त कर देती है।
कुल लंबाई- 1376 किमी
सहायक नदियां- चंबल, बेतवा, केन, गिरी और असम
रामगंगा नदी
रामगंगा नदी यहां की प्रमुख नदियों में से एक है, जो कि नैनिताल से निकलती है और उत्तर प्रदेश में कन्नौज के पास गंगा नदी में मिल जाती है।
कुल लंबाई-590 किमी
सहायक नदी- कोह
गोमती नदी
गोमती नदी का उद्गम पीलीभीत जनपद से होता है, जिसके बाद यह गाजीपुर के निकट गंगा में मिल जाती है।
कुल लंबाई- 940 किमी
सहायक नदी- सई,बर्ना, गच्छई और जोमकाई।
सरयू नदी
सरयू नदी का उद्गम तिब्बत के समीप राक्षसताल से होता है। इस नदी के किनारे अयोध्या शहर भी बसा हुआ है। छपरा के निकट यह नदी गंगा नदी में मिल जाती है।
कुल लंबाई-1080 किमी
सहयाक नदियां- राप्ती शारदा और छोटी गंडक
शारदा नदी
शारदा नदी का उद्गम तिब्बत के सीमांत पूर्वोत्तर कुमाऊं के निकट मिलाप हिमनद से होता है। यह बहराम घाट के पास घाघरा नदी में मिल जाती है।
कुल लंबाई- 480 किमी
सहायक नदियां- लिसार, सरयू, पूर्वी रामगंगा, ऊल, सुहेली और धर्या।
गंडक नदी
गंडक नदी का उद्गम स्थल तिब्बल-नेपाल सीमा पर धौलागिरी पर्वत श्रेणी से होता है। उत्तर प्रदेश में यह महाराजगंज और कुशीनगर जिले से होकर बहती है।
कुल लंबाई-300 किमी
सहायक नदियांः त्रिशूली गंगा और काली गंडक
राप्ती नदी
राप्ती नदी का उद्गम नेपाल से होता है और यह उत्तर प्रदेश में श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और गोरखपुर से होकर बहती है।
कुल लंबाई- 640 किमी
चंबल नदी
चंबल नदी का उद्गम मध्यप्रदेश में विंध्या पर्वतमाला से होता है। यह नदी इटावा में आकर मुरादनगर के पास यमुना में मिल जाती है।
कुल लंबाई-966 किमी
बेतवा नदी
बेतवा नदी का उद्गम स्थल मध्य प्रदेश के रायसेन जनपद से कुमरा गांव के समीप विंध्या पर्वतमाला से होता है। यह उत्तर प्रदेश में झांसी, औरेया, जालौन और हमीरपर में बहती है।
कुल लंबाई -480 किमी
कैन नदी
कैन नदी का उद्गम मध्य प्रदेश के सतना जिले से कैमूर की पहाड़ियों से होता है। यह उत्तर प्रदेश में बांदा जिले में यमुना से मिल जाती है।
कुल लंबाई-360 किमी
सोन नदी
सोन नदी का उद्गम अमरकंट की पहाड़ियों(सोनभद्र) से होता है। इसके बाद यह नदी मिर्जापुर से होते हुए बिहार पहुंचती है।
कुल लंबाई-784 किमी
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