Rabindranath Tagore Jayanti 2022: ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार रबीन्द्रनाथ टैगोर की जयंती 7 मई को मनाई जाती है लेकिन बंगाली कैलेंडर के अनुसार उनका जन्म बोईशाख महीने (Boishakh month) के 25वें दिन हुआ था. इसलिए बंगाली कैलेंडर के अनुसार पश्चिम बंगाल में उनका जन्मदिन 8 मई या 9 मई को मनाया जाता है.
रबीन्द्रनाथ टैगोर की जयंती को पोचिशे बोइशाख (Pochishe Boishakh) के नाम से भी जाना जाता है. उनका जन्म कोलकाता (कलकत्ता) में एक अमीर ब्राह्मण परिवार में हुआ था. वे एक बहु-प्रतिभाशाली व्यक्ति थे जिनमें नई चीजें सीखने की बड़ी इच्छा रहती थी. साहित्य, संगीत और उनके कई कार्यों में उनका योगदान अविस्मरणीय है. न केवल पश्चिम बंगाल बल्कि पूरे भारत में लोग उन्हें और उनके योगदान को याद करते हैं.
1913 में उन्हें भारतीय साहित्य में उनके महान योगदान के लिए सबसे प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. क्या आप जानते हैं कि नोबेल पुरस्कार पाने वाले वे एशिया के पहले व्यक्ति थे? हम यह भी नहीं भूल सकते हैं कि रबीन्द्रनाथ टैगोर ने ही भारत के राष्ट्रगान की रचना की थी. आइये उनके द्वारा लिखे गए कुछ अनमोल कथन या विचार जो हमें प्रेणना देते हैं के बारे में अध्ययन करते हैं.
Rabindranath Tagore Jayanti 2022: रबीन्द्रनाथ टैगोर के 21 अनमोल विचार
1. "प्रसन्न रहना बहुत सरल है, लेकिन सरल होना बहुत कठिन है."
2. "यदि आप सभी त्रुटियों के लिए दरवाजा बंद करते हैं, तो सच्चाई बंद हो जाएगी."
3. "दोस्ती की गहराई परिचित की लंबाई पर निर्भर नहीं करती."
4. "प्रेम कब्जे का दावा नहीं करता, बल्कि स्वतंत्रता देता है."
5. "सिर्फ तर्क करने वाला दिमाग एक ऐसे चाक़ू की तरह है जिसमे सिर्फ ब्लेड है। यह इसका प्रयोग करने वाले को घायल कर देता है."
6. "मनुष्य की सेवा भी ईश्वर की सेवा है."
7. "हम दुनिया में तब जीते हैं जब हम इस दुनिया से प्रेम करते हैं."
8. "बादल मेरे जीवन में तैरते हुए आते हैं, अब बारिश या अश्रु तूफान को ले जाने के लिए नहीं, बल्कि मेरे सूर्यास्त आकाश में रंग जोड़ने के लिए."
9. "फूल की पंखुड़ियों को तोड़ कर आप उसकी सुंदरता को इकठ्ठा नहीं करते."
10. "मौत प्रकाश को ख़त्म करना नहीं है; ये सिर्फ भोर होने पर दीपक बुझाना है."
11. "संगीत दो आत्माओं के बीच अनंत भरता है."
12. "मित्रता की गहराई परिचय की लम्बाई पर निर्भर नहीं करती."
13. "तथ्य कई हैं, लेकिन सच एक ही है."
14. "प्रत्येक शिशु यह संदेश लेकर आता है कि ईश्वर अभी मनुष्यों से निराश नहीं हुआ है."
15. "जो कुछ हमारा है वो हम तक तभी पहुचता है जब हम उसे ग्रहण करने की क्षमता विकसित करते हैं."
16. "कलाकार प्रकृति का प्रेमी है अत: वह उसका दास भी है और स्वामी भी."
17. " जब हम विनम्र होते हैं तो तब हम महानता के सबसे नजदीक होते हैं."
18. "जब मैं अपने आप पर हँसता हूँ तो मेरे ऊपर से मेरा बोझ बहुत कम हो जाता है."
19. "मैंने स्वप्न देखा कि जीवन आनंद है. मैं जागा और पाया कि जीवन सेवा है. मैंने सेवा की और पाया कि सेवा में ही आनंद है."
20. "अगर आप खड़े होकर सिर्फ पानी को देखोगे तो आप समुद्र पार नहीं कर सकते."
21. "कला के मध्यम से व्यक्ति खुद को उजागर करता है अपनी वस्तुओं को नहीं."
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