मध्य प्रदेश एक कृषि प्रधान देश है, जहां की आबादी का एक बड़ा अंश कृषि क्षेत्र में कार्यरत है। यही वजह है यह राज्य कृषि की कई फसलों में अग्रणी राज्य है। यह बात हम सभी जानते हैं कि कृषि के लिए सिंचाई की आवश्यकता होती है, जिसकी पूर्ति वर्षा के पानी के साथ-साथ नदियों के पानी से होती है।
मध्य प्रदेश कई नदियों का घर भी है, जहां से कई प्रमुख नदियों का उद्गम होता है। यहां से निकलने के बाद नदियां अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में जाकर समाहित हो जाती हैं। आपने भी प्रदेश की अलग-अलग नदियों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि मध्य प्रदेश की सबसे लंबी नदी कौन-सी है। यदि आप नहीं जानते हैं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियां
मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियों की बात करें, तो ये नर्मदा, ताप्ती, माही, गोदावरी,काली सिंध, चंबल, धसान, केन, कूनो, क्षिप्रा, पार्वती और बेतवा नदी है। इसमें से नर्मदा, ताप्दी और माही नदी का प्रवाह पूर्व से लेकर पश्चिम में होता है, जबकि अन्य नदियां गंगा बेसिन में आकर गिर जाती हैं।
मध्य प्रदेश की सबसे छोटी नदी
मध्य प्रदेश की सबसे छोटी नदी की बात करें, तो यह माही नदी है। माही नदी यहां की प्रमुख नदियों में शामिल है।
कितनी लंबी है नदी
मध्य प्रदेश की माही नदी की बात करें, तो इस नदी की कुल लंबाई की बात करें, तो 583 किलोमीटर लंबी है। इसमें से यह अपना 158 किलोमीटर का सफर मध्य प्रदेश में पूरा करती है। ऐसे में इस नदी को मध्य प्रदेश की सबसे छोटी नदी के रूप में भी जाना जाता है।
कहां से निकलती है माही नदी
अब सवाल है कि माही नदी का उद्गम कहां से होता है ? आपको बता दें कि इस नदी का उद्गम मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित मिंडा ग्राम के विध्यांचल पर्वत श्रेणी से होता है।
कितने राज्यों में बहती है माही नदी
माही नदी कुल तीन राज्यों में बहती है। मध्य प्रदेश में इसका उद्गम होने के बाद यह धार, झाबुआ और रतलाम जिले से होते हुए राजस्थान पहुंचती है और यहां से गुजरात पहुंचने के बाद खंबात की खाड़ी होते हुए अरब सागर में जाकर मिल जाती है।
कर्क रेखा को दो बार काटती है नदी
आपको बता दें कि माही नदी इकलौती नदी है, जो कर्क रेखा को दो बार काटती है। ऐसे में सामान्य अध्ययन की दृष्टि से इस नदी का महत्त्व और भी बढ़ जाता है।
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