जाने बारकोड क्या होता है और यह क्या बताता है?

बारकोड (barcode) किसी उत्पाद के बारे में आंकड़े या सूचना को लिखने का एक तरीका है। अपने मूल रूप में बारकोड के लिये समान्तर रेखाओं एवं उनके बीच के अन्तराल का उपयोग किया जाता था। इस विधि को एकबिमिय (1 dimensional barcodes) बारकोड कह सकते हैं। बारकोड को प्रकाशीय स्कैनर (optical scanner) की सहायता से पढ़ा जा सकता है.
आपने साबुन, तेल,क्रीम और अन्य घरेलू सामानों पर काली–काली लाइन्स को जरूर देखा होगा, टेक्नोलॉजी की भाषा में इन्हें बारकोड (barcode) कहा जाता है | यह बारकोड किसी उत्पाद के बारे में पूरी जानकारी जैसे उसका मूल्य, उसकी मात्रा, किस देश में बना, किस कंपनी ने बनाया, कब बनाया आदि दिया गया होता है| इस बारकोड के माध्यम से कंपनियों और स्टोरों को यह भी पता लग जाता है कि किसी उत्पाद की कितनी मात्रा उनके पास बची है | एक वस्तु या पैकिंग को पूरे विश्व में एक विशेष बारकोड ही आवंटित किया जाता है।बारकोड का आवंटन इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बनी एक संस्था द्वारा किया जाता है।
बारकोड मुख्य रूप से दो भागों में बांटे जा सकते हैं :
a. रेखाकार बारकोड (Linear Barcode) या 1 Dimensional बारकोड
b. द्विबिमीय बारकोड (2 Dimensional Barcodes) या 2D बारकोड (इसे QR कोड भी कहा जाता है जिसको Quick Response पढ़ा जाता है)
1. 1D बारकोड का प्रयोग साधारण उत्पादों जैसे साबुन,पेन, और मोबाइल इत्यादि में किया जाता है जबकि 2D बारकोड को आपने PAYTM APP में देखा होगा|
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2. 2D बारकोड में 1D की तुलना में ज्यादा डाटा भरा जा सकता है और यदि 2D बारकोड में कोई काट-छांट हो जाती है तो भी स्कैनर की मदद से कोड को पढ़ा जा सकता है जबकि 1D में ऐसा संभव नही होता है |
image source:Explain that Stuff
इस लेख में मुख्य रूप से 1D बारकोड के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है ?
1. जैसा कि हमें पता है कि कंप्यूटर केवल 0 और 1 की भाषा अर्थात binary code को ही समझता है इसीलिए बारकोड को 95 खानों में केवल 0 और 1 के रूप में बांटा जाता है | इन 95 खानों को भी 15 अलग अलग विभागों में बांटा जाता है जिनमे 12 खानों में बारकोड लिखा जाता है जबकि 3 खानों को गार्ड्स (Guards) के रूप में बांटा जाता है |
2. बारकोड को बाएं से दायें पढ़ा जाता है| पूरे बारकोड में बाएं और दायें अलग अलग नंबर दिये गए होते हैं | बाएं हाथ की तरफ “1” की संख्या विषम(3 या 5 बार लिखा है) होती है जबकि दाई तरफ “1” की संख्या सम (4 या 2 बार लिखा है)होती है |
3. बायीं तरफ के बारकोड में नंबर 0 से शुरू होकर 1 पर ख़त्म होते हैं जबकि दायीं तरफ के नंबर 1 से शुरू होकर 0 पर ख़त्म होते हैं | (ऊपर का चित्र देखें)
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बारकोड काम कैसे करता है ?
1. जब बारकोड को पढने के लिये लेजर रीडर की सहायता से लाइट डाली जाती है| यदि पहले कोलम में कोई लाइट नही जलती इसका मतलब बारकोड रीडर उस कोलम को “1” पढ़ेगा| (नीचे के चित्र में सबसे बाएं देखें)
2. यदि किसी कोलम में “लाल रंग” की लाइट जलती है तो बारकोड रीडर उस कोलम को “0” पढता है |
3. अब बारकोड के सबसे दायीं ओर लिखा गया “0” यह बताता है कि यह उत्पाद किस प्रकार का है | क्या यह उत्पाद मांस के बना है या प्लास्टिक का | यदि इस जगह पर 2 लिखा होता तो इसका मतलब होता कि उत्पाद या तो खाना है या मांस | यदि 3 लिखा होता तो इसका मतलब होता कि उत्पाद फार्मेसी का है | इस बार कोड में सबसे बायीं (लेफ्ट गार्ड के पास)ओर लिखे दो अंक “0” और “5” यह बताते हैं कि उत्पाद किस देश में बना है| नीचे दिया गया बारकोड अमेरिका या कनाडा में बने उत्पाद का है क्योंकि इन देशों का कोड 00 से लेकर 13 तक है|
4. बारकोड के दायीं ओर दिए गए अंतिम अंक “7” एक चेक संख्या है जो कि यह सुनिश्चित करती है कि कंप्यूटर की मदद से इस जानकारी को ठीक से पढ़ा गया है कि नही|
विभिन्न देशों के बारकोड क्या हैं ?
I. 890: भारत
II. 00-13: संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा
III. 30-37: फ्रांस
IV. 40-44: जर्मनी V. 45, 49: जापान
VI. 46: रूस
VII. 471: ताइवान
VIII. 479: श्रीलंका
IX. 480: फिलीपींस
X. 486: जॉर्जिया
XI. 489: हांगकांग
XII. 49: जापान
XIII. 50: यूनाइटेड किंगडम
XIV. 690-692: चीन
XV. 70: नॉर्वे
XVI. 73: स्वीडन
XVII. 76: स्विट्जरलैंड
XVIII. 888: सिंगापुर
XIX. 789: ब्राजील
XX. 93: ऑस्ट्रेलिया
इस प्रकार ऊपर दी गयी जानकरी के आधार पर आप किसी भी उत्पाद के बारकोड को देखकर यह पता लगा सकते हैं कि कौन सा उत्पाद किस देश में बना है |