न्यूरोपैथी रोग क्या है और यह कैसे होता है?

Jun 27, 2018, 15:15 IST

न्यूरोपैथी एक ऐसी बिमारी है जो नसों के खराब होने के कारण होती हैं. नसों के खराब होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे की संक्रमण, मधुमेह इत्यादि. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं कि न्यूरोपैथी क्या है, कैसे होती है, इसके क्या लक्षण है इत्यादि.

What is Neuropathy and how it is caused?
What is Neuropathy and how it is caused?

न्यूरोपैथी एक ऐसा शब्द है जो सामान्य बीमारियों या नसों के खराब होने को संदर्भित करता है. हमारे शरीर में किसी भी स्थान पर नसें, चोट या बीमारी से क्षतिग्रस्त हो सकती हैं.

न्यूरोपैथी अक्सर प्रभावित होने वाली नसों के प्रकार या स्थान के अनुसार वर्गीकृत होती है. न्यूरोपैथी को रोग के कारण से भी वर्गीकृत किया जा सकता है.

उदाहरण के लिए, मधुमेह के प्रभाव से न्यूरोपैथी को मधुमेह न्यूरोपैथी कहा जाता है. इसे ऐसे भी कहा जा सकता है कि न्यूरोपैथी, या तंत्रिका क्षति, मधुमेह जैसी स्थितियों और कीमोथेरेपी जैसे उपचारों की एक विस्तृत श्रृंखला के परिणामस्वरूप हो सकती है.

वास्तव में, न्यूरोपैथी, जिसे कभी-कभी परिधीय न्यूरोपैथी के रूप में जाना जाता है, एक एकल स्वास्थ्य स्थिति नहीं है बल्कि परिधीय नसों को नुकसान पहुंचाने वाली स्वास्थ्य समस्याओं की एक श्रृंखला का वर्णन करने के लिए एक शब्द है, जिसमें उसके लक्षण भी शामिल होते हैं. आइये इस लेख के माध्यम से न्यूरोपैथी रोग, उसके प्रकार, लक्षण आदि के बारे में अध्ययन करते हैं.

न्यूरोपैथी के प्रकार

परिधीय न्यूरोपैथी (Peripheral neuropathy): परिधीय न्यूरोपैथी तब होती है जब तंत्रिका समस्या मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के बाहर नसों को प्रभावित करती है. ये नसें या तंत्रिका परिधीय तंत्रिका तंत्र का हिस्सा हैं. तदनुसार, परिधीय न्यूरोपैथी में पैर, उंगलियां, हाथों और बाहों के तंत्रिकाएं प्रभावित होती हैं. प्रॉक्सिमल न्यूरोपैथी शब्द का उपयोग तंत्रिका क्षति को संदर्भित करने के लिए किया गया है जो विशेष रूप से कंधे, जांघों, कूल्हों में दर्द का कारण बनता है. इसके लक्षण इस प्रकार हैं: पैरों का सुन्न हो जाना और दर्द होना, झुनझुनी या जलन पैदा होना, मांसपेशियों में कमजोरी, हड्डियों और जोड़ों में दर्द इत्यादि.

क्रैनियल न्यूरोपैथी (Cranial neuropathy): क्रैनियल न्यूरोपैथी तब होती है जब बारह क्रैनियल नसों (सीधे मस्तिष्क से बाहर निकलने वाली तंत्रिका) में से कोई भी नस क्षतिग्रस्त हो जाती है. दो विशिष्ट प्रकार की क्रैनियल न्यूरोपैथी होती है: ऑप्टिक (optic ) न्यूरोपैथी और श्रवण (auditory) न्यूरोपैथी.  ऑप्टिक न्यूरोपैथी ऑप्टिक तंत्रिका के नुकसान या बीमारी को संदर्भित करती है जो आंख की रेटिना से मस्तिष्क तक दृश्य संकेतों को प्रसारित करती है. श्रवण न्यूरोपैथी में तंत्रिका शामिल होती है जो आंतरिक कान से संकेतों को मस्तिष्क में ले जाती हैं और सुनवाई के लिए जिम्मेदार होती है.

ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी (Autonomic neuropathy): स्वायत्त तंत्रिका तंत्र अनैच्छिक तंत्रिका तंत्र के नसों को नुकसान पहुंचाता है और यह तंत्रिका तन्त्र को नियंत्रण करता है. यह आपके दिल, मूत्राशय, फेफड़े, पेट, आँख किसी भी तंत्रिका को प्रभावित कर सकती है. अन्य अंगों की नसें भी इससे प्रभावित हो सकती हैं. इसके लक्षण इस प्रकार है: रक्त में शर्करा की मात्रा कम होने से जागरूकता में कमी आना, कब्ज होना, मूत्राशय की समस्या, भूख में कमी होना, खाना खाने में कठिनाई होना, उल्टी होना इत्यादि.

फोकल न्यूरोपैथी (Focal neuropathy): फोकल न्यूरोपैथी को मोनोन्यूरोपैथी भी कहा जाता है. यह तंत्रिका या नसों का समूह या शरीर के एक क्षेत्र तक ही सीमित होती है. इसका असर आचानक से हमारे चेहरे, धड़ और पैरों पर हो सकता है. यह बिमारी काफी लम्बे समय तक नहीं रहती है. आम तौर पर इसके लक्षण कुछ हफ्तों या महीनों तक ही देखने को मिलते हैं. इसके लक्षण इस प्रकार से हैं: डबल दृष्टि होना, पीठ में दर्द होना, जांघ के सामने दर्द होना, सीने में दर्द होना, उंगली में झुनझुनी होना या सुन्न होना, हाथों में कमजोरी होना इत्यादि.

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न्यूरोपैथी बिमारी होने के कारण

तंत्रिका या नसों को क्षति (Nerve damage) कई अलग-अलग बीमारियों, चोटों, संक्रमण, और यहां तक कि विटामिन की कमी के कारण से भी हो सकती है.

मधुमेह (Diabetes): मधुमेह सबसे अधिक सामान्य रूप से न्यूरोपैथी से जुड़ी स्थिति है. मधुमेह वाले लोगों में परिधीय न्यूरोपैथी के लक्षणों को अक्सर देखा जाता है जिन्हें कभी-कभी मधुमेह न्यूरोपैथी भी कहा जाता है. मधुमेह न्यूरोपैथी होने का खतरा उम्र और मधुमेह की अवधि के साथ बढ़ता है. न्यूरोपैथी उन लोगों में सबसे आम है जिन्हें दशकों से मधुमेह हो और आमतौर पर उन लोगों में अधिक गंभीर होता है जिन्हें मधुमेह को नियंत्रित करने में कठिनाई होती है, या जो अधिक वजन वाले होते हैं या जिनमें रक्त लिपिड ज्यादा होता हैं और रक्तचाप भी बढ़ा हुआ रहता है.

सामान्यतः उच्च रक्त शर्करा आपके शरीर के तंत्रिका तंतुओं को नुकसान पहुंचा सकती है, लेकिन मधुमेह न्यूरोपैथी मुख्यतः आपके पैरों और पैरों की नसों को ही नुकसान पहुंचाती है. इसके लक्षण आपके शरीर के कई हिस्सों में दर्द और हाथ-पैरों में समस्या उत्पन्न कर सकते हैं. इससे आपको पाचन तंत्र, मूत्र पथ, रक्त वाहिकाओं और हृदय से जुड़ी कई परेशानियां हो सकती हैं. कुछ लोगों के लिए इसके लक्षण ज्यादा नुकसान दायक नहीं होते हैं, लेकिन कई लोगों के लिए मधुमेह न्यूरोपैथी दर्दनाक, विकलांगता या इससे भी घातक साबित हो सकती है. रक्त शर्करा को नियंत्रण कर इस बिमारी को ठीक किया जा सकता है.

विटामिन की कमी (Vitamin deficiencies): विटामिन  B12 और फोलेट के साथ-साथ अन्य  B विटामिन की कमियां नसों को नुकसान पहुंचा सकती हैं.

ऑटोम्यून्यून न्यूरोपैथी (Autoimmune neuropathy): ऑटोम्यून्यून बीमारियां जैसे रूमेटोइड गठिया (rheumatoid arthritis), सिस्टमिक ल्यूपस (systemic lupus), और Guillain-Barre syndrome न्यूरोपैथी का कारण बन सकती हैं.

संक्रमण (Infection): एचआईवी / एड्स, कुष्ठ रोग, सिफलिस इत्यादि सहित कुछ संक्रमण, नसों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

पोस्ट-हेरपटिक नूरलगिया (Post-herpetic neuralgia): यह बिमारी शिंगल्स की एक जटिलता (varicella-zoster virus infection) न्यूरोपैथी का ही एक रूप है.

अल्कोहल न्यूरोपैथी (Alcoholic neuropathy): अल्कोहल पीना अक्सर परिधीय न्यूरोपैथी से जुड़ा हुआ होता है. यद्यपि तंत्रिका क्षति के सटीक कारण अस्पष्ट हैं, लेकिन यह संभवतः शराब पिने से से नर्सों को नुकसान पहुंचाने के संयोजन से लेकर खराब पोषण और विटामिन की कमी से जुड़ा हुआ है.

अनुवांशिक विकार (Genetic or inherited disorders): आनुवांशिक विकार तंत्रिकाओं को प्रभावित कर सकते हैं और न्यूरोपैथी के कुछ मामलों के लिए जिम्मेदार हैं. उदाहरणों में Friedreich's ataxia और Charcot-Marie-Tooth बीमारी शामिल हैं.

विषाक्त पदार्थ (Toxins) और जहर (poisons) तंत्रिका को नुकसान पहुंचा सकते हैं: उदाहरणों में शामिल हैं, सोने के यौगिकों, सीसा, आर्सेनिक, पारा, कुछ औद्योगिक सॉल्वैंट्स, नाइट्रस ऑक्साइड, और कुछ कीटनाशक.

दवाएं (Drugs or medication): कुछ दवाएं तंत्रिका क्षति (nerve damage) का कारण बन सकती हैं.  उदाहरणों में कैंसर थेरेपी दवाएं जैसे कि vincristine, और एंटीबायोटिक्स जैसे isoniazid इत्यादि शामिल हैं.

ट्रामा / चोट (Trauma/Injury): नसों या तंत्रिकाओं के समूह पर लंबे समय तक दबाव सहित तंत्रिका के लिए ट्रामा या चोट, न्यूरोपैथी का एक आम कारण है. नसों के लिए कम रक्त प्रवाह (ischemia) भी दीर्घकालिक क्षति का कारण बन सकता है.

ट्यूमर (Tumors): नसों का Benign या malignant ट्यूमर और नसों के आसपास की संरचनाओं के कारण नसों पर असर पढ़ता है और इसी दबाव के कारण न्यूरोपैथी का कारण बनता है जिससे तंत्रिकाओं को सीधे नुकसान पहुंच सकता है.

न्यूरोपैथी के लक्षण

विज्ञान के अनुसार इसके लक्षण 3 वर्ष की आयु में स्पष्ट होने लगते हैं और यदि किसी बच्चे में सामान्य बेचैनी, नींद सही से न आना, विभिन्न पाचन संबंधी विकार, भूख न लगना अन्य संक्रमण इत्यादि लक्षण दिखें तो हो सकता है कि बच्चे में न्यूरोपैथी बिमारी पैदा हो रही हो.परिधीय न्यूरोपैथी के लक्षणों में ये शामिल हैं: हाथों या पैरों में झुकाव, पीठ दर्द, त्वचा का पतला होना, हाथ या पैर में सुन्नता, यौन रोग, विशेषकर पुरुषों में, कब्ज, दस्त, अत्यधिक पसीना इत्यादि होते हैं.

यानी हम कह सकते हैं कि न्यूरोपैथी एक प्रकार की नसों की बीमारी की ही एक प्रकार की अवस्था है जो कि कई कारणों की वजह से हो सकती है और ये कई प्रकार की होती है.

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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