CID और CBI में क्या अंतर होता है?

CID और CBI सामान्य तौर पर दो अलग अलग जांच एजेंसियां हैं और इनके जाँच का क्षेत्र भी  अलग-अलग होता है. CID जहाँ एक प्रदेश के अन्दर घटित होने वाली घटनाओं की जाँच करती है और यह राज्य सरकार के आदेश पर काम करती है वहीँ CBI पूरे देश में होने वाली विभिन्न घटनाओं की जाँच का काम संभालती है और इसको आदेश देने का अधिकार केंद्र सरकार, उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट के पास होता है.

Feb 4, 2019, 11:10 IST

CID और CBI सामान्य तौर पर दो अलग-अलग जांच एजेंसियां हैं और इनके जाँच का क्षेत्र भी अलग-अलग होता है. CID जहाँ एक प्रदेश के अन्दर घटित होने वाली घटनाओं की जाँच करती है और यह राज्य सरकार के आदेश पर काम करती है जबकि CBI पूरे देश में होने वाली विभिन्न घटनाओं की जाँच का काम संभालती है और इसको आदेश देने का अधिकार केंद्र सरकार, उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट के पास होता है. इतना जानने के बाद अब यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर CID और CBI में क्या अंतर होता है. 

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आइये CID और CBI में अंतर को विस्तार से जानते हैं:

CID (Crime Investigation Department) क्या है?

CID का फुल फॉर्म Crime Investigation Department है जो कि एक प्रदेश में अपराध जांच विभाग के रूप में जानी जाती है. CID एक प्रदेश में पुलिस का जांच और खुफिया विभाग होता है. इस विभाग को हत्या, दंगा, अपहरण, चोरी इत्यादि की जाँच के काम सौंपे जाते हैं. CID की स्थापना, पुलिस आयोग की सिफारिश पर ब्रिटिश सरकार ने 1902 में की थी. पुलिस कर्मचारियों को इसमें शामिल करने से पहले विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है. इस संस्था को जाँच का जिम्मा सम्बंधित राज्य सरकार और कभी कभी उस राज्य के उच्च न्यायलय द्वारा सौंपा जाता है.

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CBI (Central Bureau of Investigation) क्या है?

केंद्रीय जांच ब्यूरो या CBI, भारत में केंद्र सरकार की एक एजेंसी है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर होने वाले अपराधों जैसे हत्या, घोटालों और भ्रष्टाचार के मामलों और राष्ट्रीय हितों से संबंधित अपराधों की भारत सरकार की तरफ से जाँच करती है. CBI एजेंसी की स्थापना 1941 में स्थापित हुई थी और इसे अप्रैल 1963 में “केंद्रीय जांच ब्यूरो” का नाम दिया गया था, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है.

दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम, 1946 ने CBI  को जांच की शक्तियां दी हैं. भारत सरकार राज्य सरकार की सहमति से राज्य में मामलों की जांच करने का आदेश CBI को देती है. हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय राज्य सरकार की सहमति के बिना देश के किसी भी राज्य में अपराधिक  मामले की जांच के लिए CBI को आदेश दे सकते हैं.

CID  और CBI के बीच प्रमुख अंतर 

1.  CID  के ऑपरेशन का क्षेत्र छोटा (केवल एक प्रदेश) है, जबकि CBI के ऑपरेशन का क्षेत्र बड़ा (पूरा देश और विदेश) है.

2.  CID के पास जो भी मामले आते हैं उन्हें राज्य सरकार और हाई कोर्ट द्वारा सौंपा जाता है जबकि CBI को मामले केन्द्र सरकार, हाई कोर्ट और सर्वोच्च न्यायलय द्वारा सौंपे जाते हैं.

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3. CID  राज्यों में होने वाले आपराधिक मामलों जैसे दंगा, हत्या, अपहरण, चोरी और हमले के मामलों सहित राज्य में अन्य आपराधिक मामलों की जांच करता है जबकि CBI राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के घोटालों, धोखाधड़ी, हत्या, संस्थागत घोटालों, जैसे मामलों की देश और विदेश में जांच करती है.

4. यदि किसी व्यक्ति को CID  में शामिल होना है तो उसे राज्य सरकार द्वारा आयोजित की जाने वाली पुलिस परीक्षा पास करने के बाद अपराध-विज्ञान की परीक्षा पास करनी होती है जबकि CBI  में शामिल होने के लिए SSC बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा को पास करना होगा.

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5. CID   की स्थापना ब्रिटिश सरकार द्वारा 1902 में की गयी थी जबकि CID  की स्थापना 1941 में विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के रूप में की गयी थी.

ऊपर दिए गए अंतरों के आधार पर यह उम्मीद की जाती है कि अब सभी लोगों को CBI और CID के कार्यों और इनके कार्य क्षेत्रों के बारे में किसी भी प्रकार का कोई दुविधा नही होगी.

CID और CBI सामान्य तौर पर दो अलग-अलग जांच एजेंसियां हैं और इनके जाँच का क्षेत्र भी अलग-अलग होता है. CID जहाँ एक प्रदेश के अन्दर घटित होने वाली घटनाओं की जाँच करती है और यह राज्य सरकार के आदेश पर काम करती है जबकि CBI पूरे देश में होने वाली विभिन्न घटनाओं की जाँच का काम संभालती है और इसको आदेश देने का अधिकार केंद्र सरकार, उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट के पास होता है. इतना जानने के बाद अब यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर CID और CBI में क्या अंतर होता है. 

आइये CID और CBI में अंतर को विस्तार से जानते हैं:

CBI vs CID

CID (Crime Investigation Department) क्या है?

CID का फुल फॉर्म Crime Investigation Department है जो कि एक प्रदेश में अपराध जांच विभाग के रूप में जानी जाती है. CID एक प्रदेश में पुलिस का जांच और खुफिया विभाग होता है. इस विभाग को हत्या, दंगा, अपहरण, चोरी इत्यादि की जाँच के काम सौंपे जाते हैं. CID की स्थापना, पुलिस आयोग की सिफारिश पर ब्रिटिश सरकार ने 1902 में की थी. पुलिस कर्मचारियों को इसमें शामिल करने से पहले विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है. इस संस्था को जाँच का जिम्मा सम्बंधित राज्य सरकार और कभी कभी उस राज्य के उच्च न्यायलय द्वारा सौंपा जाता है.

जानिये CBI डायरेक्टर को नियुक्त करने और हटाने की क्या प्रक्रिया है?

CBI (Central Bureau of Investigation) क्या है?

केंद्रीय जांच ब्यूरो या CBI, भारत में केंद्र सरकार की एक एजेंसी है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर होने वाले अपराधों जैसे हत्या, घोटालों और भ्रष्टाचार के मामलों और राष्ट्रीय हितों से संबंधित अपराधों की भारत सरकार की तरफ से जाँच करती है. CBI एजेंसी की स्थापना की सिफारिस भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए गठित “संथानम समिति” की सिफारिस के आधार पर 1963 में गृह मंत्रालय के अंतर्गत की गयी थी लेकिन बाद में इसे कार्मिक मंत्रलाय के अंतर्गत स्थानांतरित कर दिया गया था. इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है.

दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम, 1946 ने CBI  को जांच की शक्तियां दी हैं. भारत सरकार राज्य सरकार की सहमति से राज्य में मामलों की जांच करने का आदेश CBI को देती है. हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय राज्य सरकार की सहमति के बिना देश के किसी भी राज्य में अपराधिक  मामले की जांच के लिए CBI को आदेश दे सकते हैं.

CID  और CBI के बीच प्रमुख अंतर 

1.  CID  के ऑपरेशन का क्षेत्र छोटा (केवल एक प्रदेश) है, जबकि CBI के ऑपरेशन का क्षेत्र बड़ा (पूरा देश और विदेश) है.

2.  CID के पास जो भी मामले आते हैं उन्हें राज्य सरकार और हाई कोर्ट द्वारा सौंपा जाता है जबकि CBI को मामले केन्द्र सरकार, हाई कोर्ट और सर्वोच्च न्यायलय द्वारा सौंपे जाते हैं.

cbi investigation team

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3. CID राज्यों में होने वाले आपराधिक मामलों जैसे दंगा, हत्या, अपहरण, चोरी और हमले के मामलों सहित राज्य में अन्य आपराधिक मामलों की जांच करता है जबकि CBI राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के घोटालों, धोखाधड़ी, हत्या, संस्थागत घोटालों, जैसे मामलों की देश और विदेश में जांच करती है.

4. यदि किसी व्यक्ति को CID में शामिल होना है तो उसे राज्य सरकार द्वारा आयोजित की जाने वाली पुलिस परीक्षा पास करने के बाद अपराध-विज्ञान की परीक्षा पास करनी होती है जबकि CBI  में शामिल होने के लिए SSC बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा को पास करना होगा.

5. CID  की स्थापना ब्रिटिश सरकार द्वारा 1902 में की गयी थी जबकि CBI  की स्थापना 1941 में विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के रूप में की गयी थी.

ऊपर दिए गए अंतरों के आधार पर यह उम्मीद की जाती है कि अब सभी लोगों को CBI और CID के कार्यों और इनके कार्य क्षेत्रों के बारे में किसी भी प्रकार का कोई दुविधा नही होगी.

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Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
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