बिहार का पुराना नाम क्या था?

Jul 4, 2025, 15:25 IST

बिहार अपनी ऐतिहासिक इतिहास और परंपराओं के लिए जानी जाती है। यहां कि विभिता लोगों को इस मिट्टी से जुड़ने के लिए आकर्षित करती है। वहीं यहां की संस्कृति लोगों को अपने जमीन से जोड़ी रखती है। लेकिन, क्या आप यह जानते हैं कि बिहार को पहले किसी और नाम से जाना जाता है। इस राज्य को पहले मगध के नाम से जाना जाता है। आइए बिहार के बारे में कुछ खास बातें जानते हैं-

Old Name Of Bihar
Old Name Of Bihar

बिहार पूर्वी भारत का एक राज्य है, जो नेपाल की सीमा से लगा एक राज्य है। यह गंगा नदी द्वारा बटा है। बिहार अपनी ऐतिहासिक इतिहास के लिए जाना जाता है। महत्वपूर्ण बौद्ध तीर्थ स्थलों में बोधगया के महाबोधि मंदिर में बोधि वृक्ष शामिल है, जिसके नीचे कथित तौर पर बुद्ध ने ध्यान लगाया था। राज्य की राजधानी पटना में, महावीर मंदिर मंदिर हिंदुओं द्वारा पूजनीय है, जबकि सिख तख्त श्री हरमंदिर साहिब जी के गुंबददार, नदी किनारे गुरुद्वारे में पूजा करते हैं। बिहार अपने प्राचीन अस्तित्व और परंपराओं के लिए जाना जाता है, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि बिहार का प्राचीन नाम बिहार नहीं बल्कि कुछ और है? आप में से बहुत से लोगों को इस बात से हैरानी होगी, लेकिन यह बिल्कुल सच है। आइए यहां बिहार के अस्तित्व के बारे में थोड़ा और जानते हैं और मानते हैं इस राज्य का नाम 'बिहार' कैसे पड़ा।

प्राचीन इतिहास में बिहार राज्य का नाम 'मगध' था। मगध भारत के इतिहास के सबसे शक्तिशाली राज्यों में शामिल था, जहां कभी अशोक, अजातशत्रु और बिम्बिसार जैसे महान सम्राट शासन किया करते थे। इतिहास में एक ऐसा भी समय आया कि जब मगध को बंगाल प्रेसीडेंसी का हिस्सा बना दिया और तब ही इसका स्वतंत्र अस्तित्व  खत्म हो गया। 

बिहार राज्य को बिहार नाम 1912 में मिला

बिहार राज्य की स्थापना 22 मार्च 1912 को हुई थी, जब बिहार और ओडिशा को बंगाल प्रेसिडेंसी से अलग किया गया था।  उससे पहले बिहार बंगाल प्रेसीडेंसी का हिस्सा था। 1936 में ओडिशा को बिहार से अलग करके अलग राज्य बना दिया गया। 1912 में जब बिहार राज्य की स्थापना हुई, तब बिहार राज्य का आधिकारिक नाम बिहार रखा गया। बिहार दरअसल बौद्ध विहारों से निकला शब्द है। विहार बौद्ध मठों को कहा जाता था। उस समय बिहार राज्य बौद्ध धर्म का केंद्र था, जिसके कारण बिहार नाम प्रचलन में आया, जो समय के साथ बदलकर बिहार हो गया। 

ब्रिटिश काल में बंगाल प्रेसीडेंसी का हिस्सा बना था बिहार

 1765 ई. में मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच एक संधि हुई, जिसे इलाहाबाद की संधि कहा जाता है। यह संधि बक्सर की लड़ाई के बाद हुई थी। इस संधि के बाद मुगल बादशाह शाह आलम ने बंगाल, बिहार और ओडिशा की दीवानी ईस्ट इंडिया कंपनी को सौंप दी। इस अधिकार के बाद अंग्रेजों को इस क्षेत्र में राजस्व वसूलने का अधिकार मिल गया। एक तरह से यह भारत में ब्रिटिश शासन की शुरुआत थी। इसी दौरान बंगाल प्रेसीडेंसी के नाम से एक प्रशासनिक प्रांत का गठन किया गया, जिसमें बंगाल, बिहार और ओडिशा शामिल थे। इस प्रांत की राजधानी कोलकाता थी। यह प्रेसीडेंसी ईस्ट इंडिया कंपनी के अधीन तीन प्रमुख प्रशासनिक इकाइयों में सबसे बड़ी और प्रभावशाली थी। उस समय मद्रास और बॉम्बे प्रेसीडेंसी भी अंग्रेजों के अधीन थीं।

बंगाल प्रेसीडेंसी में बिहार की उपेक्षा की गई

ब्रिटिश शासन के दौरान बिहार उनके लिए महज एक आर्थिक स्रोत था। बिहार पर ईस्ट इंडिया कंपनी का सीधा नियंत्रण था। राजस्व और संसाधनों के मामले में बिहार बहुत महत्वपूर्ण था, लेकिन बिहार का कोई स्वतंत्र ढांचा नहीं था और इसे कोलकाता से नियंत्रित किया जाता था। यही कारण था कि बिहार पूरी तरह से उपेक्षित था। बिहार कृषि और राजस्व संग्रह का एक प्रमुख केंद्र था। यहां धान, गन्ना, नील और तंबाकू की खेती पर्याप्त मात्रा में होती थी, जिससे अंग्रेजों को राजस्व मिलता था। ईस्ट इंडिया कंपनी जमींदारों के माध्यम से कर वसूलती थी, जिससे किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ता था और वे भुखमरी के कगार पर थे। बिहार की संस्कृति और शिक्षा का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा था क्योंकि प्रशासन बंगाल से नियंत्रित होता था। यही कारण था कि बिहार में एक अलग पहचान की मांग बढ़ गई क्योंकि बंगाल के वर्चस्व वाले शासन में उनकी उपेक्षा की जा रही थी। इसी भावना के परिणामस्वरूप 22 मार्च 1912 को बिहार का एक अलग राज्य स्थापित किया गया और बिहारी पहचान को मान्यता मिली। 

Mahima Sharan
Mahima Sharan

Sub Editor

Mahima Sharan, working as a sub-editor at Jagran Josh, has graduated with a Bachelor of Journalism and Mass Communication (BJMC). She has more than 3 years of experience working in electronic and digital media. She writes on education, current affairs, and general knowledge. She has previously worked with 'Haribhoomi' and 'Network 10' as a content writer. She can be reached at mahima.sharan@jagrannewmedia.com.

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