विश्व बैंक से सबसे अधिक कर्ज लेने वाले देश कौन से हैं?

Jul 3, 2018, 18:13 IST

विश्व बैंक की वर्ष 2017 की रिपोर्ट के अनुसार, चीन विश्व बैंक समूह से सबसे ज्यादा ऋण लेने वाला देश है. चीन ने विश्व बैंक समूह से 2420 मिलियन डॉलर का कर्ज लिया है, इसके बाद 1776 मिलियन डॉलर के साथ भारत और तीसरे नंबर पर इंडोनेशिया का नम्बर आता है जिसने 1692 मिलियन डॉलर उधार लिया है.

Largest borrowers from World Bank
Largest borrowers from World Bank

विश्व बैंक की वर्ष 2017 की रिपोर्ट के अनुसार, चीन विश्व बैंक समूह से सबसे ज्यादा ऋण लेने वाला देश है. चीन ने विश्व बैंक समूह से 2420 मिलियन डॉलर का कर्ज लिया, इसके बाद 1776 मिलियन डॉलर के साथ भारत और तीसरे नंबर पर इंडोनेशिया का नम्बर आता है जिसने 1692 मिलियन डॉलर उधार लिया है.

वर्तमान में विश्व बैंक, विकास परियोजनाओं के लिए विकासशील देशों को ऋण प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. विश्व बैंक 5 से 20 वर्षों की लंबी अवधि के लिए गरीबी उन्मूलन से लेकर आधारभूत संरचना के विकास के लिए ऋण प्रदान करता है.

वर्तमान में विश्व बैंक समूह में 189 सदस्य देश, 130 से अधिक स्थानों में ऑफिस और 170 से अधिक देशों के कर्मचारी यहाँ काम कर रहे हैं.

विश्व बैंक समूह में 5 संस्थान शामिल है जिनके नाम इस प्रकार हैं;

1. अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD)

2. अंतरराष्ट्रीय  वित्त निगम (IFC)

3. अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (IDA)

4. बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी (MIGA)

5. अंतर्राष्ट्रीय निवेश विवाद निर्धारण केन्द्र (ICSID)

अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (IDA); विश्व बैंक का सहयोगी संघ है, यह गरीब देशों को सस्ती दरों पर ऋण प्रदान करता है. इसे ऋण देने की “सॉफ्ट विंडो” के रूप में भी जाना जाता है.

विश्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, विश्व बैंक समूह; दुनिया के 173 देशों में 13,229 परियोजनाओं को वित्त पोषित कर रहा है. इस दौड़ में भारत भी पीछे नहीं है और भारत की 783 से अधिक परियोजनाओं को विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित किया जा रहा है.

भारत की मुख्य योजनाएं जिन्हें विश्व बैंक की सहायता प्राप्त है?

विश्व बैंक किन शर्तों पर ऋण देता है;

विश्व बैंक 3 मानदंडों के आधार पर किसी देश को ऋण देने का निर्णय लेता है;

1. ऋण संकट का जोखिम

2. प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय का स्तर ($1,165/वर्ष से कम की आय)

3. अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक की नजर में ऋण पात्रता

जिन देशों से ऋण वापसी की संभावना सबसे कम होती है ऐसे देशों को विश्व बैंक 100% वित्तीय सहायता ग्रांट (grants) के रूप में दे देता है और जिन देशों में ऋण वापसी की संभावना मध्यम होती है उन देशों को 50% ऋण, ग्रांट के रूप में देता है. इसके अलावा अन्य उधार कर्ताओं को IDA और विश्व बैंक के माध्यम से 35 वर्ष तक की अवधि के लिए ऋण प्रदान किया जाता है.

आईडीए ऋण के लिए पात्रता मानदंड क्या हैं?
आईडीए से ऋण लेने के लिए के लिए सबसे पहली पात्रता देश की सापेक्ष गरीबी है जो कि 1,165 डॉलर प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय के कम मानी गयी है. फिलहाल 75 देश आईडीए के माध्यम से ऋण प्राप्त करने के लिए योग्य हैं.

विश्व बैंक की परिभाषा के अनुसार, भारत अब IDA से ऋण लेने लायक देशों की श्रेणी में नहीं आता है क्योंकि इसके अनुसार ऋण सिर्फ गरीब देशों को दिया जाता है क्योंकि भारत की प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय ,IDA के ऋण देने के मापदंड से अधिक है.

नाइजीरिया और पाकिस्तान जैसे कुछ देश प्रति व्यक्ति आय के स्तर के आधार पर आईडीए ऋण के लिए पात्र हैं और इसके अलावा ये देश आईबीआरडी से उधार लेने के लिए भी योग्य हैं. ऐसे देशों को  "मिश्रण देश” (Blend Countries) के रूप में जाना जाता है.

विभिन्न देशों के लिए ब्याज दर निम्नानुसार है;

interest rate charged by ida

वर्ष 2017 में IDA से शीर्ष 10 ऋण प्राप्त कर्ताओं की सूची निम्नानुसार है;

debt ridden country world bank ida

इस सूची में शीर्ष 3 देश,नाइजीरिया,वियतनाम और तंजानिया हैं.

हाल ही में विश्व बैंक ने विश्व बैंक समूह के सबसे बड़े उधारकर्ताओं की सूची जारी की है. इस सूची से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2017 में विश्व बैंक समूह के शीर्ष तीन उधारकर्ता चीन, भारत और इंडोनेशिया हैं. लिस्ट इस प्रकार है;

 क्र. सं.

देश

ऋण (लाख डॉलर में)

 1.

चीन

2420

 2.

भारत

1776

 3.

इंडोनेशिया

1692

 4.

कोलम्बिया

1687

 5.

अर्जेंटीना

1525

 6.

मिस्र

1500

 7.

इराक

1485

 8.

तुर्की

1083

 9.

यूक्रेन

650

 10.

रोमानिया

625

उपर्युक्त सूची से पता चलता है कि ऊपर लिखे गए सभी देश विकासशील देश हैं. तालिका से स्पष्ट है कि भारत, विश्व बैंक समूह से ऋण लेने वाला दूसरा सबसे बड़ा उधारकर्ता है. इससे पहले भारत को अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (आईडीए) से ऋण प्राप्त होता था जो केवल उन देशों को बहुत सस्ती दरों पर ऋण प्रदान करता है जो कि गरीब देशों की श्रेणी में आते हैं. अर्थात जिनकी सकल राष्ट्रीय आय 1165 डॉलर प्रति वर्ष से कम है.

ज्ञातव्य है कि विश्व बैंक के आकलन के अनुसार भारत की प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 1974 डॉलर प्रति वर्ष के आस पास है; इसलिए अब यह देश गरीब देशों की श्रेणी में नहीं गिना जायेगा और उसे IDA से सस्ती दरों पर ऋण नही मिलेगा लेकिन यहाँ पर ध्यान देने वाली एक बात यह है कि विश्व बैंक; पाकिस्तान को अभी भी सूडान और सोमालिया और अन्य अफ्रीकी गरीब देशों की श्रेणी में गिनता है और आईडीए मानदंडों के तहत ऋण प्राप्त करता है.

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Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
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