भारत में यदि लोकतांत्रिक ढांचा उठाकर देखें, तो प्रधानमंत्री का पद बहुत ही शक्तिशाली और महत्त्वपूर्ण देखने को मिलता है। प्रधानमंत्री सरकार का मुख्य चेहरा होता है, जिसे सरकार का मुखिया भी कहा जाता है। भारतीय संविधान में अनुच्छेद 75, 77 और 78 में पीएम पद, शपथ व कर्तव्यों का जिक्र किया गया है। देश में अभी तक कुल 14 प्रधानमंत्री हुए हैं।
इस कड़ी में सभी प्रधानमंत्रियों को उनकी अलग-अलग विशेषताओं की वजह से जाना जाता है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि एक प्रधानमंत्री ऐसे भी रहे हैं, जिन्हें मिस्टर क्लीन नाम से भी जाना जाता था। कौन हैं यह प्रधानमंत्री और क्या है इस उपनाम की वजह, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
किस प्रधानमंत्री को कहा जाता है मिस्टर क्लीन
आपको बता दें कि भारत में 7वें प्रधानमंत्री रहे विश्वनाथ प्रताप सिंह को मिस्टर क्लीन भी कहा जाता है।
क्यों कहा जाता है मिस्टर क्लीन
पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह मिस्टर क्लीन कहे जाने के पीछे उनकी ईमानदार छवि, भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके प्रयास और राजनीति में उनकी शुचिता के लिए उन्हें मिस्टर क्लीन भी कहा जाता है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाया अभियान
भारत में जब प्रधानमंत्री के पद राजीव गांधी थे, तो उन्होंने वीपी सिंह को वित्त मंत्री के रूप में जिम्मेदारी दी। इस दौरान सिंह द्वारा देश के बड़े-बड़े औद्योगिक घरानों के खिलाफ कर चोरी की जांच शुरू करवाई गई। साथ ही, प्रवर्तन निदेशालय को मजबूत किया। इससे सामाज में उनकी एक अलग छवि बनी।
जब दे दिया था इस्तीफा
वीपी सिंह भारत में रक्षा मंत्री भी रहे हैं। इस दौरान उन्होंने बोफोर्स तोप सौदे में अनियमितताओं की जांच के आदेश दिए। हालांकि, सरकार का दबाव महसूस होने के कारण उन्होंने नैतिक आधार पर पद और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इससे उनकी एक ईमानदरा नेता के रूप में छवि बनी।
जब जनता ने दिया ‘राजा नहीं फकीर है’ का नारा
इस्तीफे के बाद वीपी सिंह ने देशभर में रैलियां की। इस दौरान जनता ने उन्हें मिस्टर क्लीन की उपाधि दी। साथ ही, ‘राजा नहीं फकीर है, देश की तकदीर है’ का नारा दिया। वह वास्तव में मांडा के राजा थे, लेकिन भूदान आंदोलन के दौरान उन्होंने अपनी अधिकांश जमीन पैतृक जमीन दान कर दी थी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे
वीपी सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे हैं। उन्होंने 1980 से 1982 तक मुख्यमंत्री के रूप में काम किया। इस दौरान उन्होंने डकैतों के खिलाफ अभियान चलाया था। वह खुद उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। उनका मूल जिला बलिया था। वहीं, 1989 से 1990 तक वह भारत के प्रधानमंत्री रहे थे।
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