उत्तर भारत में बारिश क्यों हो रही है और इस सप्ताह मौसम के पूर्वानुमान के बारे में जानते हैं

Jan 6, 2021, 17:48 IST

जैसा की हम जानते हैं कि उत्तर भारत में आजकल बारिश हो रही हैं इसके पीछे क्या कारण है और साथ ही इस सप्ताह मौसम के पूर्वानुमान के बारे में भी अध्ययन करते हैं.

Why is it raining in North India?
Why is it raining in North India?

इस बार देखा गया की नए साल की शुरुआत दिल्ली के लिए ठंडी शुरुआत थी, जब न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था. इस तरह की ठंड के बाद, उत्तर भारत में नए साल के पहले सप्ताह का स्वागत कई स्थानों पर मैदानी इलाकों में हल्की बारिश के साथ हुआ और पहाड़ों पर भारी बर्फबारी हुई.

उत्तर भारत में भीषण शीतलहर से लेकर बारिश तक के बारे में अध्ययन करते हैं?

भारत के मौसम विभाग (IMD) के अनुसार जनवरी और फरवरी का महिना देश में सर्दियों का महीना होगा. दक्षिणी प्रायद्वीपीय क्षेत्रों को छोड़कर, देश के सभी शेष क्षेत्रों में दिसंबर के मध्य से सर्दी का अनुभव होता है.

ऐसा देखा गया कि इस साल, मौसम की पहली शीत लहर दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश और क्रिसमस के आसपास ओडिशा के कुछ हिस्सों में चली. वर्ष के अंत में यह और तेज हुई और अधिक से अधिक भौगोलिक क्षेत्रों को कवर किया क्योंकि इनमें से अधिकांश स्थानों पर पारा 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया था. 

भीषण ठंड के बाद सोमवार (4 जनवरी, 2021) को दिल्ली में हल्की बारिश हुई और यह बारिश अभी भी दिल्ली और आस पास के इलाकों में हो रही है. उत्तर भारत में बारिश हो ही रही है. पिछले दो दिनों से हो रही बर्फबारी ने जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में सड़क और हवाई यातायात को भी प्रभावित किया है. 

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कोल्ड डे (Cold day) कब घोषित किया जाता है?

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार कोल्ड डे (Cold day) की घोषणा तब की जाती है जब मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 16 डिग्री से नीचे दर्ज किया जाता है. 

गंभीर शीत लहर की स्थिति (Severe cold wave condition) कब घोषित की जाती है?

IMD शीत लहर की घोषणा करता है, जब न्यूनतम तापमान सामान्य से 5 से 6 डिग्री की दूरी पर दिखाई देता है. यह भी सच है, जब कहीं तापमान 0 डिग्री से नीचे गिर जाता है. सामान्य से 7 डिग्री नीचे न्यूनतम तापमान में गिरावट को एक गंभीर शीत लहर की स्थिति के रूप में घोषित किया जाता है.

मौसम में परिवर्तन के पीछे क्या कारण है?

ऐसा कहा जा रहा है कि 20 दिसंबर के बाद उत्तर भारत में मौसम में बदलाव शुरू हुआ. दो लगातार पश्चिमी विक्षोभ (Western disturbances) ने 24 से 29 दिसंबर के बीच भारत के बेहद उत्तरी क्षेत्रों को पार किया, जिससे गंभीर शीत लहर की स्थिति पैदा हो गई. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार मैदानी इलाकों में, राजस्थान में चूरू में -1.5 डिग्री दर्ज किया गया, जो 2008 के बाद से दिसंबर का सबसे ठंडा दिन है. इसी तरह, दिल्ली (सफदरजंग) ने नए साल के दिन 1.1 डिग्री तापमान दर्ज किया, जिससे यह 15 वर्षों में वर्ष की दूसरी सबसे ठंडी शुरुआत रही. वहीं पहलगाम में -9 डिग्री जबकि जम्मू शहर में 31 दिसंबर को 2.9 डिग्री दर्ज किया गया. घना कोहरा उत्तरी राज्यों, विशेषकर पंजाब, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश में देखा गया, जिसके कारण दृश्यता प्रभावित हुई.

इस समय उत्तर भारत पर एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ (Prevailing western disturbances) बना हुआ है. साथ ही मैदानी इलाकों में राजस्थान के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी सक्रिय है. इन दोनों सिस्टम के अलावा अरब सागर से राजस्थान के बीच ट्रफ बना हुआ है और वहीं छत्तीसगढ़ व आसपास के भागों पर बना विपरीत चक्रवाती क्षेत्र के कारण उत्तर भारत के मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है.

ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में तीन तरफ से आर्द्रता पहुँच रही है, जिसमें पहला है पश्चिमी विक्षोभ, दूसरा अरब सागर और तीसरा क्षेत्र है बंगाल की खाड़ी. इसलिए उत्तर भारत के राज्यों में व्यापक वर्षा के लिए मौसम अनुकूल बना हुआ है. यह इस सीजन की सर्दी की पहली व्यापक बारिश है.

अब मौसम के पूर्वानुमान के बारे में जानते हैं?

ऐसा देखा गया है कि 2 जनवरी के बाद से, उत्तर भारत में अधिकांश स्थानों पर न्यूनतम तापमान में वृद्धि हुई है. राष्ट्रीय राजधानी में अलग-अलग स्थानों पर हल्की वर्षा भी दर्ज की गई. काजीगुंड (Qazigund), बनिहाल, बटोटे (Batote) और कुमाऊं में लगभग 20 मिमी दर्ज की गई.

अत्यधिक ठंड से गीले मौसम या वर्षा वाले मौसम में यह बदलाव मुख्य रूप से दक्षिण-पश्चिम हवाओं (South-westerly winds) और सक्रिय पश्चिमी विक्षोभों (Prevailing western disturbances) के बीच इंटरेक्शन के कारण था.

ठंड की स्थिति बनी रहेगी, जिससे जम्मू और कश्मीर और पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों के साथ 6 जनवरी तक भारी बर्फबारी और बारिश हो सकती है.

गरज और बिजली के साथ हल्की वर्षा पंजाब, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर राजस्थान पश्चिम उत्तर प्रदेश और उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश में होने का अनुमान है. अगले 48 घंटों के दौरान इन राज्यों में ओलावृष्टि का भी अनुमान है.

सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ (Prevailing western disturbances) के गुजरने के बाद ऐसा अनुमान है कि 7 जनवरी से उत्तर भारत के मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा जब मौसम साफ और स्वच्छ हो जाएगा और उत्तर पश्चिमी ठंडी और शुष्क हवाएं चलेंगी. इसके कारण सुबह और रात के तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जाएगी तथा शीतलहर एक बार फिर से उत्तर भारत के शहरों में देखने को मिल सकती है.

तो अब आपको ज्ञात हो गया होगा की आजकल उत्तर भारत में बारिश और मौसम में बदलाव क्यों हो रहा है साथ ही  मौसम के पूर्वानुमान के बारे में.

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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