Hindi Diwas 2025: विश्व हिंदी दिवस (Vishwa Hindi Diwas) हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य हिंदी भाषा के वैश्विक महत्व को बढ़ावा देना और इसके अंतरराष्ट्रीय प्रसार को प्रोत्साहित करना है. इसकी शुरुआत साल 2006 में हुई थी, और यह दिवस 1975 में नागपुर में आयोजित प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है.
हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में 1950 में मान्यता मिली, जब भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के तहत देवनागरी लिपि में हिंदी को संघ की आधिकारिक भाषा घोषित किया गया. हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए 1975 में नागपुर में प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
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Vishwa Hindi Diwas थीम 2025:
विश्व हिंदी दिवस 2025 की थीम "एकता और सांस्कृतिक गौरव की वैश्विक आवाज" (The Global Voice of Unity and Cultural Pride) है. यह थीम अंतरराष्ट्रीय संचार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम के रूप में हिंदी के महत्व पर जोर देता है, वैश्विक मंचों पर इसके उपयोग को प्रोत्साहित करता है.
फिजी में हिंदी का इतिहास और विकास एक अद्भुत कहानी है जो भारतीय प्रवासियों के संघर्ष, उनकी संस्कृति और भाषा की अदम्य शक्ति को दर्शाता है.
हिंदी कैसे पहुंची फिजी:
19वीं सदी के दौरान, जब भारत ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा था, फिजी को श्रमिकों की आवश्यकता थी. वहां के गन्ना उद्योग को बढ़ावा देने के लिए ब्रिटिश प्रशासन ने "गिरमिटिया प्रथा" के तहत उत्तर भारत के क्षेत्रों से श्रमिकों को फिजी ले जाना शुरू किया.
- ये श्रमिक मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और आसपास के इलाकों से थे.
- उनके साथ-साथ उनकी संस्कृति, रीति-रिवाज और भाषा भी फिजी पहुंची.
फिजी में हिंदी का विकास:
- भाषाई विविधता: उत्तर भारत से आए प्रवासी अलग-अलग बोलियां बोलते थे, जैसे अवधी, भोजपुरी, मगही आदि. इन विविध बोलियों ने एक नई फिजियन हिंदी का रूप ले लिया, जिसमें सभी की बोलियों और शब्दों के तत्व शामिल थे.
- सरल और व्यावहारिक: फिजी में विकसित यह हिंदी सरल थी, ताकि अलग-अलग क्षेत्रों के श्रमिक आपस में संवाद कर सकें.
आधिकारिक मान्यता:
वर्तमान में फिजी में हिंदी को एक आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है. इसे "फिजियन हिंदी" के रूप में जाना जाता है और यह वहां के सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक जीवन का अभिन्न हिस्सा है.
फिजी के भारतीय मूल के लोग अपनी जड़ों को आज भी भारत से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं. हिंदी ने फिजी में भारतीय संस्कृति और पहचान को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई है.
विश्व हिंदी दिवस का महत्व:
विश्व हिंदी दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में हिंदी भाषा के प्रति जागरूकता और सराहना को बढ़ावा देना है. इस अवसर को मनाने के लिए स्कूलों, विश्वविद्यालयों और विदेशों में भारतीय दूतावासों में प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. यह दिवस न केवल हिंदी को बढ़ावा देता है बल्कि विभिन्न भाषाई समुदायों के बीच दूरियों को पाटने की इसकी क्षमता पर भी प्रकाश डालता है.
फिजी हिंदी की अहमियत:
फिजी में हिंदी के साथ-साथ उर्दू और क्षेत्रीय भाषाओं के शब्द भी शामिल हैं. सामान्य व्याकरण ने इसे बोलने और समझने में आसान बनाया गया.
धार्मिक और सांस्कृतिक उपयोग: मंदिरों में पूजा, गीत-संगीत और धार्मिक आयोजनों में फिजी हिंदी का व्यापक उपयोग होता है.
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