Hindi Diwas 2025: हिंदी हमारी एक राजभाषा है और उत्तर भारत के कई राज्यों में प्रमुख रूप से बोली जाती है. हिंदी भारत के अलावा भारत के पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका में भी बोली जाती है. इसके अलावा दुनिया के कई देशों में यह भाषा लोकप्रिय है और मॉरीशस जैसे देशों में भी बोली जाती है.
हिंदी को जन-जन की भाषा के रूप में भी जाना जाता है औए इस भाषा को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए हिंदी दिवस के अवसर पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. हर साल दो बार हिंदी दिवस मनाया जाता है ऐसे में अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि यह दिवस साल में दो क्यों मनाया जाता है. चलिये पता करते है कि इसके पीछे की क्या कहानी है.
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विश्व हिंदी दिवस थीम 2025:
विश्व हिंदी दिवस 2025 की थीम "हिंदी एकता और सांस्कृतिक गौरव की वैश्विक आवाज" (A Global Voice of Unity and Cultural Pride) है. यह दिवस हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार करना और उसकी सांस्कृतिक महत्वता को उजागर करना है.
साल में दो बार मनाया जाता है हिंदी दिवस:
Hindi Diwas 2025: हर साल 10 जनवरी और 14 सितंबर को हिंदी दिवस के अवसर पर देश दुनिया में कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते है. ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल हमेशा उठता है कि यह साल में दो बार क्यों मनाया जाता है और दोनों दिनों के आयोजन में अलग क्या है. वैसे तो विश्व हिंदी दिवस के बारें में हर कोई जानता है.
14 सितंबर को क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस:
भारत में हिंदी भाषा का अपना अलग ही महत्व है. हिंदी भाषा को मान्यता देते हुए 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया था. हिंदी भाषा देश के अधिकतर क्षेत्रों में बोली जाती जिस कारण हिंदी को राजभाषा बनाने का निर्णय लिया गया.
हिंदी के लिए 14 तारीख का चुनाव खुद देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने किया था तब से 14 सितंबर को पूरे भारत में हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है. साल 1918 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राजभाषा बनाने पर जोर दिया था और इसे जनमानस की भाषा भी कहा था.
10 जनवरी को क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस:
विश्व हिन्दी दिवस प्रति वर्ष 10 जनवरी को पूरी दुनिया में मनाया जाता है. इसके मनाने का उद्देश्य हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना और वैश्विक स्तर पर इसे एक अन्तरराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है. इस अवसर पर दुनिया भर के भारत दूतावासों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किये जाते है.
वैश्विक स्तर पर हिंदी को लेकर पहला आयोजन 10 जनवरी 1974 को महाराष्ट्र के नागपुर में किया गया था. इस सम्मेलन में 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था. साल 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन किया था. साल 2006 तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी.
राष्ट्रीय और विश्व हिंदी दिवस में अंतर?
अब दोनों दिनों के बीच के अंतर को जानते है. दरअसल, दोनों दिनों (10 जनवरी और 14 सितम्बर) के हिंदी का मुख्य उद्देश्य हिंदी का प्रचार-प्रसार करना ही है. 14 सितम्बर को को पूरे भारत में राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है. वहीं हर साल 10 जनवरी को पूरी दुनिया में विश्न हिंदी दिवस मनाया जाता जाता है.
Hindi Diwas 2025 हिंदी भाषा का महत्व:
वर्ल्ड लैंग्वेज डेटाबेस के अनुसार, हिंदी भाषा वर्तमान समय में 61 करोड़ लोगों द्वारा बोली जाती है. हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है. विश्व हिन्दी सचिवालय मॉरीसस में स्थित है, यह सचिवालय भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए 11 फरवरी 2008 से कार्यरत है.
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