Worlds highest fighter airfield: भारत लद्दाख के न्योमा में दुनिया का सबसे ऊंचा फाइटर एयरफील्ड बना रहा है, इसे चीन के खिलाफ एक कड़े सन्देश के रूप में देखा जा रहा है. G20 शिखर सम्मेलन खत्म होने के कुछ समय बाद ही इसकी घोषणा की.
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने लद्दाख के न्योमा क्षेत्र में इस फाइटर एयरफील्ड को बना रहा है. इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू के देवक ब्रिज से किया.
न्योमा, लद्दाख में दुनिया के सबसे ऊंचे फाइटर एयरफील्ड का निर्माण, भारत के बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो देश की उत्तरी सीमाओं पर अपनी रणनीतिक उपस्थिति को मजबूत करने के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है.
Inauguration of several BRO infrastructure projects from Samba, Jammu. https://t.co/OsaYtqh1Sn
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 12, 2023
सांबा में बीआरओ की 90 से अधिक प्रोजेक्ट की शुरुआत:
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू के सांबा में 90 से अधिक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की शुरुआत की है. राजनाथ सिंह ने सांबा में एक प्रोजेक्ट का भौतिक रूप से और बाकी का वर्चुअल उद्घाटन किया.
इन प्रोजेक्ट में 21 नई सड़कें, 64 पुल, एक सुरंग, दो हवाई पट्टियां और दो हेलीपैड शामिल हैं. इन सब प्रोजेक्ट का विकास सीमावर्ती क्षेत्रों में भारत की ताकत को दर्शाता है.
मोदी सरकार का अहम फैसला:
एलएसी पर चीन के साथ हाल के रिश्ते को देखते हुए इस प्रोजेक्ट को बहुत ही अहम माना जा रहा है. बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन द्वारा तैयार किया जा रहा यह एयरफील्ड पूर्वी लद्दाख में स्थित है जो चीन से मुकाबले के लिए एक महत्वपूर्ण लोकेशन है. इस प्रोजेक्ट को 218 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा है. चीन को टक्कर देने के लिए इस एयरफील्ड का निर्माण काफी अहम है.
#BROInNationBuilding#NyomaAirfield@BROindia will be constructing World's highest fighter airfield at Nyoma in Ladakh.
— 𝐁𝐨𝐫𝐝𝐞𝐫 𝐑𝐨𝐚𝐝𝐬 𝐎𝐫𝐠𝐚𝐧𝐢𝐬𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 (@BROindia) September 10, 2023
Shilanyas of this project will be done by Hon'ble Raksha Mantri Shri Rajnath Singh on 12 Sep 23 from Devak Bridge in Jammu.
Jai Hind! Jai BRO!!…
बीआरओ ने ट्वीट कर दी जानकारी:
बीआरओ ने एक्स ( पूर्व में ट्विटर) पर इस ऐतिहासिक प्रोजेक्ट की जानकारी दी है. ''बीआरओ ने ट्वीट में लिखा कि बीआरओ भारत लद्दाख के न्योमा में दुनिया के सबसे ऊंचे लड़ाकू हवाई क्षेत्र का निर्माण करेगा. इस परियोजना का शिलान्यास रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा किया जाएगा.''
बीआरओ के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने पहले पहले विश्वास जताया था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के 3,488 किलोमीटर के क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में भारत आने वाले दो से तीन वर्षों में चीन से आगे निकल जायेगा. आगे उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एनडीए सरकार के नेतृत्व में, भारत अपने बुनियादी ढांचे को बढ़ाने पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है.
बीआरओ ने हासिल की बड़ी उपलब्धि:
बीआरओ, एलएसी क्षेत्र में काफी समय से उल्लेखनीय प्रोजेक्ट में लगा हुआ है. पिछले दो से तीन वर्षों में बीआरओ ने 11,000 करोड़ रुपये के 295 से अधिक प्रोजेक्ट को पूरा किया है. ये प्रोजेस्ट सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है.
हाल के वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा एलएसी के साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के बारें में बताते हुए बीआरओ प्रमुख ने बताया कि 2008 में, हमारा बजट लगभग ₹ 3,000 करोड़ हुआ करता था जो 2017 में बढ़कर ₹ 5,000-6,000 करोड़ हो गया. 2019 में यह बढ़कर ₹ 8,000 करोड़ हो गया. साथ ही पिछले वर्ष लगभग ₹ 12,340 करोड़ खर्च किए गए.
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