World’s First Commercial Lunar Lander: जापान की एक एयरोस्पेस स्टार्टअप ने हाल ही में एक लूनर स्पेसक्राफ्ट लांच किया है जो दुनिया का पहला कमर्शियल लूनर लैंडर है. इसे जापान की प्राइवेट स्पेस स्टार्टअप आईस्पेस ने लांच किया है.
जापान के आईस्पेस (ispace Inc) ने अपने इस HAKUTO-R मिशन को SpaceX के फाल्कन 9 रॉकेट से लांच किया है. जिसकें लॉन्चिंग में शुरू में कुछ देरी हुई जिसके बाद इसे पुनः फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से लांच कर दिया गया था.
Deployment of ispace’s HAKUTO-R Mission 1 confirmed pic.twitter.com/9R3Uw2qceS
— SpaceX (@SpaceX) December 11, 2022
ऐसा करने वाली पहली प्राइवेट स्पेस एजेंसी बनी:
आईस्पेस के लिए यह उपलब्धि काफी स्पेशल है क्योंकि अभी तक किसी प्राइवेट स्पेस एजेंसी ने लूनर लैंडर लांच नहीं किया था. इस मामले में अभी तक अमेरिका, रूस और चीन की नेशनल स्पेस एजेंसीज ने यह कारनामा किया था.
HAKUTO-R मिशन हाइलाइट्स:
आईस्पेस ने यह स्पेस मिशन SpaceX के फाल्कन 9 रॉकेट की मदद से स्पेस में लांच किया था.
इस मिशन का नाम हाकुटो (HAKUTO) सफेद खरगोश को संदर्भित करता है, जो जापानी लोककथाओं के अनुसार मून पर रहता है.
इसके अतिरिक्त, M1 लैंडर दो रोबोटिक रोवर्स, JAXA अंतरिक्ष एजेंसी से एक बेसबॉल-आकार के उपकरण और राशिद एक्सप्लोरर को मून पर लैंड करायेगा. रशीद एक्सप्लोरर संयुक्त अरब अमीरात द्वारा लांच किया गया है.
यह जापान की स्पार्क प्लग कंपनी एनजीके स्पार्क प्लग कंपनी द्वारा बनाई गई एक प्रयोगात्मक एक्सपेरीमेंटल सॉलिड-स्टेट बैटरी को भी साथ लेकर गया है.
यह मिशन जापान-अमेरिका अंतरिक्ष सहयोग की एक नई मिशाल है जो आगे भी जारी रहेगा, क्योंकि जापान के पास अमेरिका के अतिरिक्त कोई और बेहतर विकल्प मौजूद नहीं है.
एटलस क्रेटर से जुड़े सैटेलाइट को भी करेगा स्थापित:
आईस्पेस क्राफ्ट एटलस क्रेटर (Atlas Crater) में जल जमाव की खोज के उद्देश्य से नासा का एक छोटा सा सैटेलाइट भी मून ऑर्बिट में स्थापित करेगा. एटलस क्रेटर मून के उत्तरपूर्वी भाग में स्थित है जो लगभग 87 किमी (54 मील) चौड़ा और 2 किमी (1.2 मील) गहरा है.
आईस्पेस के बारें में:
आईस्पेस एक प्राइवेट जापानी कंपनी है जो स्पेस एजेंसीज के लिए लैंडर्स और रोवर्स बनाने के लिए रोबोटिक स्पेसक्राफ्ट तकनीकों का विकास करती है. इसकी स्थापना वर्ष 2010 में की गयी थी. इसका मुख्यालय टोक्यो जापान में है.
यह नासा के साथ वर्ष 2025 से मून पर पेलोड को ले जाने के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट किया है. इसका उद्देश्य वर्ष 2040 तक स्थायी रूप से मून कॉलोनी बनाने का है.
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