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उत्तर भारत का पहला न्यूक्लियर पॉवर प्लांट हरियाणा के गोरखपुर में, जानें क्यों है खास

उत्तर भारत का पहला न्यूक्लियर पॉवर प्लांट हरियाणा के गोरखपुर शहर में तैयार किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट के लिए कुल 20,594 करोड़ रुपये आवंटित किये गए है, जिनमे से ₹4,906 करोड़ अब तक खर्च किये जा चुके है.  

उत्तर भारत का पहला न्यूक्लियर पॉवर प्लांट हरियाणा के गोरखपुर में, जानें क्यों है खास
उत्तर भारत का पहला न्यूक्लियर पॉवर प्लांट हरियाणा के गोरखपुर में, जानें क्यों है खास

North India's first nuclear plant: उत्तर भारत का पहला न्यूक्लियर पॉवर प्लांट हरियाणा के गोरखपुर शहर में तैयार किया जा रहा है. जिसे मोदी सरकार की एक प्रमुख उपलब्धि के रूप में भी देखा जा रहा है.

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस बात की जानकारी दी उन्होंने कहा कि भारत के न्यूक्लियर पॉवर प्लांट जो अभी तक तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे ज्यादातर दक्षिणी राज्यों और पश्चिम में महाराष्ट्र तक सिमित थे, अब उनका विस्तार देश के उत्तरी क्षेत्रों में भी देखा जायेगा.

गोरखपुर-न्यूक्लियर पॉवर प्लांट, हाइलाइट्स:

परमाणु ऊर्जा विभाग के अनुसार, गोरखपुर हरियाणा अनु विद्युत प्रोजेक्ट (GHAVP) के तहत 700 मेगावाट क्षमता की दो यूनिट्स हैं, जिनमें से प्रत्येक में प्रेशराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टर (PHWR) स्वदेशी डिजाइन है.

इस प्रोजेक्ट का निर्माण हरियाणा में फतेहाबाद जिले के गोरखपुर गांव के पास किया जा रहा है.     

इस न्यूक्लियर पॉवर प्लांट प्रोजेक्ट के लिए कुल 20,594 करोड़ रुपये आवंटित किये गए है, जिनमे से ₹4,906 करोड़ अब तक खर्च किये जा चुके है.  

इस न्यूक्लियर पॉवर प्लांट के फायर वाटर पम्प हाउस (FWPH), शेफ्टी रिलेटेड पम्प हाउस (SRPH), वेंटिलेशन स्टैक, ओवरहेड टैंक आदि के निर्माण का कार्य प्रगति पर है.

टर्बाइन बिल्डिंग-1 और 2, 220 KV स्विचयार्ड और आईडीसीटी-1ए (IDCT-1A) में भूमि सुधार का काम पूरा कर लिया गया है.

इस प्रोजेक्ट के लिए प्राइमरी कूलेंट पंप,रिएक्टर हेडर्स, कैलेंड्रिया रिफ्यूलिंग मशीन हेड्स, मॉडरेटर और अन्य D20 हीट एक्सचेंजर्स आदि के खरीद के आदेश पहले ही दिए जा चुके है.

क्या है इस प्रोजेक्ट का महत्व?

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि यह प्रोजेक्ट नई दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी से लगभग 150 किमी उत्तर में है. इस प्रोजेक्ट की शुरुआत से देश के उत्तर भारत में भी न्यूक्लियर पॉवर प्लांट की उपलब्धता को देखा जा सकता है जो अभी तक मुख्य रूप से देश के दक्षिणी राज्यों तक सिमित थे.    

10 न्यूक्लियर रिएक्टरों की स्थापना का है प्लान:

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि केंद्र की मोदी सरकार ने ऐसे 10 न्यूक्लियर रिएक्टरों की स्थापना के लिए व्‍यापक स्वीकृति दी है. इस कदम को बहुआयामी भूमिकाओं के रूप में देखा जा रहा है साथ ही यह भारत की परमाणु क्षमता बढ़ाने के पीएम मोदी के प्रोत्‍साहन पहल के अनुरूप है.  

भारत के न्यूक्लियर पॉवर प्लांट्स: (ऑपरेशनल) 

प्लांट  लोकेशन    कमर्शियल ऑपरेशन ईयर    ऑपरेटर 
तारापुर न्यूक्लियर पॉवर प्लांट  महाराष्ट्र  1969   एनपीसीआईएल
राजस्थान न्यूक्लियर पॉवर स्टेशन  राजस्थान 1973  एनपीसीआईएल
मद्रास एटॉमिक पावर स्टेशन (कलपक्कम)  तमिलनाडु   1984  एनपीसीआईएल
नरोरा एटॉमिक पावर स्टेशन उत्तर प्रदेश 1991 एनपीसीआईएल
काकरापार न्यूक्लियर पॉवर  स्टेशन गुजरात 1993 एनपीसीआईएल
कैगा न्यूक्लियर पॉवर  स्टेशन कर्नाटक  2000  एनपीसीआईएल
कुडनकुलम न्यूक्लियर पॉवर स्टेशन  तमिलनाडु 2014 एनपीसीआईएल

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