भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) को डिजिटल लेंडिंग ऐप्स (DLAs) की एक लिस्ट पेश की है, जिनका उपयोग विनियमित संस्थाओं द्वारा किया जाता है.
भारतीय रिज़र्व बैंक ने इस लिस्ट के साथ यह अनुरोध किया है कि केवल सूची में शामिल ऐप ही उनके ऐप स्टोर पर होस्ट किए जाएं. केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ भागवत किसानराव कराड ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही.
चीन से लिंक को लेकर 200+ ऐप्स ब्लॉक:
सरकार ने हाल ही में चीन से लिंक को लेकर 200+ ऐप्स ब्लॉक किया था. जिनमें चीनी लिंक के साथ कई ऋण और सट्टेबाजी ऐप्स थे. यह लिस्ट इन ऐप्स को ब्लाक करने के बाद आया है. इन ऐप्स पर संदिग्ध प्रकृति के लेन-देन, सट्टेबाजी आदि का आरोप था.
The @GoI_MeitY has started the process to ban & block 138 betting apps and 94 loan lending apps which reportedly have Chinese links on an “urgent” and “emergency” basis. The move came after a communication from Ministry of Home Affairs. pic.twitter.com/6AtLcVqRGR
— Prasar Bharati News Services & Digital Platform (@PBNS_India) February 5, 2023
प्रतिबंधित कैटेगरी:
प्रतिबंध श्रेणियां सरकार के एक सूत्र ने कहा कि प्रतिबंध तीन व्यापक श्रेणियों में है जिसमें पहली श्रेणी में वे एप्प शामिल है जिनका चीनी संस्थाओं के साथ अंतिम या आंशिक स्वामित्व है. दूसरा, ऋण देने वाले ऐप जो आरबीआई द्वारा विनियमित नहीं हैं और जो चीनी सर्वर में डेटा संग्रहीत कर है. तीसरी श्रेणी में वे कंपनियां है जिनके खिलाफ वसूली उत्पीड़न की शिकायतें की गई
वित्त मंत्रालय ने जारी किया मास्टर सर्कुलर:
संसद में वित्त मंत्रालय की ओर से कहा गया कि केंद्रीय बैंक ने एक मास्टर सर्कुलर भी जारी किया है, जिसके तहत बैंकों और वित्तीय संस्थानों को सलाह दी गई है कि वे खाते खोलने और संदिग्ध प्रकृति के लेन-देन की निगरानी करें साथ ही ग्राहक पहचान प्रक्रियाओं का पालन करें ताकि मनी लॉन्ड्रिंग जैसी घटनाओं से बचा जा सके.
आरबीआई ने सितंबर 2022 में डिजिटल ऋण दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसमें लेंडर के लिए उचित उपायों को सुझाया गया है. साथ ही इसमें ऋणदाता के बैंक खाते से उधारकर्ता के बैंक खाते में बिना किसी पास-थ्रू/पूल के ऋण का प्रत्यक्ष संवितरण, लेयरिंग से बचने के लिए तीसरे पक्ष के खाते आदि से सम्बंधित सुझाव दिए गए है.
ईडी ने शुरू की जाँच:
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कई मामलों में पीएमएलए के तहत जांच शुरू की है, जहां अवैध ऋण ऐप के माध्यम से आरोपी व्यक्तियों/संस्थाओं द्वारा गलत तरीके से आय उत्पन्न और अर्जित की गई है.
वित्त मंत्रालय की ओर से कहा गया कि ऐसे मामलों में आज तक, लगभग 2,116 करोड़ रुपये की आपराधिक कार्यवाही की पहचान की गई है. जिसमें से 859.15 करोड़ रुपये पीएमएलए के प्रावधानों के तहत कुर्क, जब्त या फ्रीज किए गए. इसके अलावा, विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 की धारा 37A के तहत 289.28 करोड़ रुपये जब्त किए गए.
क्या है PMLA-2002?
धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002, मनी लॉन्ड्रिंग से सम्बंधित है जो गैरकानूनी स्रोतों या अवैध तरीके से प्राप्त किया जाता है. इस मामले में आरोप PMLA के तहत तय होते है. यह अधिनियम धन शोधन की समस्या का मुकाबला करने के लिए बनाया गया था.
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