1 सितंबर को एनसीईआरटी ने अपने 65 साल पूरे कर लिए हैं। इसी दिन 1961 में देश के सबसे एजुकेशन संस्थान की स्थापना हुई थी। सोमवार 1 सितंबर 2025 को अपने 65वें स्थापना दिवस के अवसर पर, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के दृष्टिकोण के अनुरूप डिजिटल और समावेशी शिक्षा (Digital and Inclusive Education) को मजबूत करने के लिए बाल वाटिका डीटीएच टीवी चैनल और दीक्षा 2.0 सहित कई नई पहल की शुरुआ कीं। इस मौके पर कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
कार्यक्रम में कौन-कौन रहा उपस्थित?
इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्रालय के सचिव संजय कुमार, एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी, यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार, भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष चामू कृष्ण शास्त्री, इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एस सोमनाथ शामिल रहे।
छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए लॉच हुए चैनल
इस कार्यक्रम में अपनी प्रमुख घोषणाओं के तहत NCERT 65 साल पूरे करने के उपलक्ष में बाल वाटिका – पीएम ई-विद्या डीटीएच चैनल संख्या 35 का शुभारंभ किया। इसका उद्देश्य शिक्षकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और अभिभावकों के लिए एक आकर्षक ऑडियो-विजुअल कंटेंट के जरिए 3-6 वर्ष की आयु के बच्चों में बुनियादी ज्ञान देना है।
शिक्षा मंत्री ने रिलीज की किताब
इस कार्यक्रम में, शिक्षा मंत्री ने ओडिशा के 100 महापुरुषों के जीवन और योगदान पर आधारित एक पुस्तक का विमोचन भी किया। उन्होंने एनसीईआरटी को बधाई देते हुए इसे भारतीय शिक्षा व्यवस्था का एक प्रतिष्ठित और केंद्रीय संस्थान बताया। मंत्री ने कहा कि एनसीईआरटी लंबे समय से छात्रों की पीढ़ियों का मार्गदर्शन करता रहा है और देश की शिक्षा व्यवस्था का एक मज़बूत स्तंभ रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने तकनीक-आधारित शिक्षा पर सरकार के फोकस की भी चर्चा की।
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इस दौरान, धर्मेंद्र प्रधान ने 'दीक्षा 2.0' प्लेटफ़ॉर्म के बारे में बात की, जो एक आधुनिक और उन्नत डिजिटल माध्यम है। इसमें संरचित पाठ, अनुकूली मूल्यांकन, एआई उपकरण जैसे कि पढ़कर सुनाना और 12 भारतीय भाषाओं में अनुवाद की सुविधा उपलब्ध है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दीक्षा से लाभान्वित हुए छात्रों से प्राप्त प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया भी साझा की, जिसमें बताया गया कि कैसे यह प्लेटफ़ॉर्म शिक्षार्थी-विशिष्ट शिक्षा को सुगम बना रहा है और शिक्षकों और छात्रों, दोनों को सशक्त बना रहा है।
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