मोहित मेडिकल फील्ड में हैं। जब भी उनसे कोई पूछता है कि उनकी सफलता का राज क्या है, तो वे अपने छोटे से स्टडी गु्रप का नाम लेना नहीं भूलते। जब वे कॉलेज में थे, तभी उन्होंने एक स्टडी गु्रप बनाया था। आज उनके ग्रुप के सभी लडके अच्छी जगहों पर काम कर रहे हैं। दरअसल, स्टडी गु्रप के बहुत से फायदे होते हैं। गु्रप स्टडी से आपका कॉन्सेप्ट तो क्लियर होता ही है, इससे आपको डिस्कशन और टेस्ट की तैयारी में भी सहायता मिलती है।
क्या हैं फायदे
स्टडी ग्रुप का पार्ट बनने के बाद आपको अपने अध्ययन के प्रति और भी गंभीर होना होगा। इसका कारण यह है कि गु्रप के हर सदस्य की तैयारी दूसरे सदस्य की तैयारी पर निर्भर करेगी। अगर आप अच्छी तैयारी नहीं करेंगे, तो गु्रप के अन्य सदस्यों की पढाई पर इसका बुरा असर पडेगा।
बहुत से लोग क्लास में टीचर से सवाल पूछने में हिचकिचाते हैं। ऐसे स्टूडेंट्स के लिए गु्रप स्टडी बहुत फायदेमंद होती है। वे अपने स्टडी ग्रुप में आसानी से अपने सवाल पूछ सकते हैं।
ग्रुप स्टडी से पढाई या तैयारी के दौरान सपोर्ट मिलता है। अगर किसी कारणवश पढाई के प्रति आपकी प्रेरणा में कमी आ जाती है, तो ऐसी स्थिति में गु्रप के अन्य सदस्य आपको मोटिवेट करते हैं।
गु्रप के सदस्य स्टडी सेशन के दौरान नई जानकारियों और कॉन्सेप्ट्स को सुनकर उन पर डिस्कशन भी करते हैं। इस तरह आपमें एक अच्छे लिसनर और वक्ता के गुणों का भी विकास होगा।
प्रत्येक व्यक्ति के अंदर कुछ न कुछ अतिरिक्त गुण होते हैं। हो सकता है कि आपको आपके दोस्तों से कुछ ऐसे आइडियाज मिल जाएं, जिनके बारे में आप सोच भी न पा रहे हों।
इतना ही नहीं, गु्रप मेम्बर्स से आपको नई स्टडी हैबिट भी मिल सकती है।
आप अन्य ग्रुप मेम्बर्स से क्लास नोट्स की तुलना कर सकते हैं। ऐसी चीजें, जो क्लास में नोट करने से रह गई हों, उन्हें पूरा कर सकते हैं।
दूसरे गु्रप मेम्बर्स से कुछ ऐसी जानकारियां भी मिल सकती हैं, जो आपकी बुक में न हों या आपके टीचर ने आपको न बताई हों! इस तरह से आपकी जानकारी में वृद्धि हो सकती है।
अकेले पढना कभी-कभी बोरिंग होने लगता है। ऐसी स्थिति में आप गु्रप मेम्बर्स के साथ स्टडी को मजेदार बना सकते हैं।
कैसे करें शुरुआत
स्टडी गु्रप बनाना आसान काम नहीं है। मोहित और उसके दोस्तों ने स्टडी गु्रप करने की सोची, लेकिन कुछ ही दिनों में उन्हें लगा कि उनका ग्रुप स्टडी करने की बजाय गप्पे लडाने में ज्यादा रुचि लेने लगा है। कहीं आपका ग्रुप भी ऐसा न करने लगे, इसलिए किसी को भी अपने गु्रप में शामिल करने से यदि आपको निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर हां में मिले, तभी उसे अपने गु्रप में शामिल करें :
क्या उसमें पढने की लगन है?
क्या उसमें विषयों की समझ है?
क्या उस पर भरोसा किया जा सकता है?
क्या वह दूसरों के विचारों का सम्मान करता है?
क्या आपको उसका व्यवहार पसंद है?
अगर आपको सभी सवालों के उत्तर हां में मिलते हैं, तो अपने फ्रेंड या क्लासमेट को गु्रप में शामिल कर सकते हैं। इस तरह तीन से पांच लोगों को इकट्ठा कर एक स्टडी गु्रप बना सकते हैं। ध्यान रहे, स्टडी गु्रप में इससे ज्यादा लोगों को शामिल नहीं करना चाहिए।
गु्रप के साथ मिलकर तय कीजिए कि आपका स्टडी सेशन कितना लंबा होगा! सप्ताह में दो या तीन बार मिलना ठीक होता है। स्टडी सेशन 60-90 मिनट का होना चाहिए।
स्टडी प्लेस घर या कॉलेज के पास हो, जहां आसानी से पहुंचा जा सके। ऐसी जगह हो, जहां भीड और शोर-शराबा न हो। इसके लिए कोई खाली क्लासरूम बेहतर होगा।
अपने स्टडी ग्रुप का लक्ष्य तय कीजिए।
अपने स्टडी सेशन का एजेंडा तय कीजिए।
फीचर टीम
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