जो विद्यार्थी कक्षा 10वीं के बाद कक्षा 11वीं में दाखिला लेने की जगह कोई प्रोफेशनल कोर्स करना चाहते हैं वो इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर सकते हैं. विद्यार्थी Aeronautical, Automobile, Civil, Chemical, Computer systems, Electrical, Electronic, Environmental और Mechanical इत्यादि जैसी इंजीनियरिंग ब्रांच/कोर्स में डिप्लोमा कर सकते हैं.
विद्यार्थी कक्षा 12वीं के बाद भी डिप्लोमा कोर्स में दाखिला ले सकते हैं, किन्तु अगर विद्यार्थी भविष्य में डिग्री कोर्स के लिए इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लेने की सोचते हैं तो उनको डिग्री कोर्स पूरा करने के लिए (10वीं के बाद 2 साल + इंजीनियरिंग डिप्लोमा के 3 साल + इंजीनियरिंग डिग्री के 3 साल) कुल मिलाकर 8 साल लगेंगे. वहीँ दूसरी और अगर विद्यार्थी कक्षा 12वीं के बाद किसी इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लेते हैं तो उनके 2 साल बच जायेंगे.
आज हम इस लेख में आपको डिप्लोमा करने के बाद इंजीनियरिंग कॉलेज में बी.टेक लेटरल एंट्री (B.Tech Lateral Entry) में दाखिला लेने से सम्बंधित सभी बातों के बारे में बताएँगे.
B.E. और B.Tech में क्या अंतर है?
B.Tech Lateral Entry क्या है?
जो विद्यार्थी कक्षा 10वीं के बाद Polytechnic डिप्लोमा करते हैं, उनके द्वारा की जाने वाली पढ़ाई को कक्षा 11वीं, 12वीं और कॉलेज के प्रथम वर्ष की पढ़ाई के समान समझा जाता है. ऐसे विद्यार्थी विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं को क्रैक कर इंजीनियरिंग कॉलेज के दूसरे वर्ष में सीधा दाखिला ले सकते हैं. इससे ही B.Tech Lateral Entry कहा जाता है.
B.Tech Lateral Entry - शैक्षिक योग्यता:
इंजीनियरिंग कॉलेज में B.Tech के दूसरे साल में दाखिला लेने के लिए विद्यार्थियों का 3 वर्ष का इंजीनियरिंग डिप्लोमा करना आवश्यक होता है. अधिकतर इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए विद्यार्थियों को डिप्लोमा के किसी भी कोर्स में 60 प्रतिशित मार्क्स लाना अनिवार्य होता है.
B.Tech Lateral Entry - प्रवेश परीक्षाएँ (Entrance Exams):
अगर विद्यार्थी इंजीनियरिंग में डिप्लोमा पूरा करने के बाद डिग्री कोर्स करना चाहते हैं तो उनको नीचे दी गयी विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं में अच्छी रैंक लानी पड़ेगी.
- Uttar Pradesh State Entrance Examination (Paper 6 for B.Tech Lateral Entry)
- West Bengal University Joint Entrance Exam for Lateral Entry (JELET)
- Guru Gobind Singh Indraprastha University (LEBTECH)
- Calicut University Lateral Entry Entrance Exams
- Delhi Technical University Lateral Entry Entrance Examination
- Kerala University Lateral Entry Exam
- KIIT University Lateral Entry Entrance Examination
- Lateral Entry Entrance Test LEET
- LPU NEAT (National Engineering Aptitude Test)
- MIT-Manipal BE Lateral Entry Entrance Exam
- Mumbai University Lateral Entry Entrance Examination
- Punjab Technical University Lateral Entry Entrance Test (PTU LEET)
- UKSEE B.Tech (Lateral Entry) Entrance Exam
- Uttarakhand Technical University Lateral Entry Entrance Test
B.Tech Lateral Entry - प्रवेश प्रक्रिया (Admission Process)
विद्यार्थी विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं में हासिल किये गये मार्क्स के आधार पर विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेज में B.Tech के दूसरे साल में दाखिला ले सकते हैं. अधिकतर सरकारी और निजी संस्थान राज्य प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिले देते हैं, किन्तु कुछ यूनिवर्सिटी दाखिले के लिए स्वयं ही प्रवेश परीक्षाएँ आयोजित करती हैं.
Regular B.Tech और B.Tech Lateral Entry में अंतर:
Regular B.Tech | B.Tech Lateral Entry |
इसकी अवधि 4 साल होती है. | इसकी अवधि 3 साल होती है. |
इसके लिए विद्यार्थियों को कक्षा 12 के बाद विभिन्न इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं को क्रैक करना पड़ता है. | इसके लिए विद्यार्थियों को डिप्लोमा के बाद विभिन्न इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं को क्रैक करना पड़ता है. |
विद्यार्थी Indian Institute of Technology (IITs) और National Institute of Technology (NITs) में B.Tech में दाखिला ले सकते हैं. | Indian Institute of Technology (IITs) और National Institute of Technology (NITs) में B.Tech Lateral Entry जैसा को प्रोग्राम नहीं होता. |
Regular B.Tech और B.Tech Lateral Entry में से क्या बेहतर है?
इंजीनियरिंग डिप्लोमा की पढ़ाई में प्रैक्टिकल और कोर सब्जेक्ट नॉलेज पर ज़्यादा फोकस किया जाता है. इसके साथ-साथ विद्यार्थियों को कोर कंपनियों में ट्रेनिंग लेने का भी मौका मिल जाता है. जिससे B.Tech Lateral Entry में दाखिला लेने के बाद उन्हें कॉन्सेप्ट्स को समझने में आसानी होती है. केवल इस लिहाज़ से Regular B.Tech से B.Tech Lateral Entry ज़्यादा बेहतर है. जहाँ तक नौकरी के अवसरों का संबंध है, दोनों कोर्सों का एक सामान माना जाता है। Regular B.Tech वाले विद्यार्थियों की तरह ही B.Tech Lateral Entry वाले विद्यार्थियों को नौकरी में समान अवसर मिलते हैं.
क्या आपको भी लगता है IITs में पढ़ाई किये बिना आप जीवन में सफल नहीं हो सकते? तो ज़रूर पढ़े यह लेख
Comments
All Comments (0)
Join the conversation