स्कूली शिक्षा के स्तर को सुधारने में श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का योगदान

Aug 17, 2018, 16:28 IST

इस लेख में विद्यार्थी जानेंगे कि श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने स्कूली शिक्षा के स्तर को सुधरने के लिए क्या-क्या किया. इसके साथ-साथ उनके अन्य योगदानों के बारे में भी पढेंगे.

Shri Atal Bihari Vajpayee's contribution for school education
Shri Atal Bihari Vajpayee's contribution for school education

जीवन में कुछ भी करने के लिए पढ़ाई बहुत ही ज़रूरी होती है. व्यक्ति जितना ज्यादा पढ़ा लिखा होता है वह जिंदगी में उतने ही अच्छे निर्णय ले पाता है. यह बात भी सच है कि देश में शिक्षा का औद्योगीकरण बढ़ता ही जा रहा है. इसलिए अच्छी शिक्षा पाना अब बहुत ही मुश्किल होता जा रहा है. इस परेशानी को दूर करने के लिए स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार द्वारा 2000-2001 में “सर्व शिक्षा अभियान” की शुरुआत की गयी थी. सर्व शिक्षा अभियान का मुख्य उद्देश 6 से 14 साल तक के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना था. इस अभियान के तहत अब तक 14.5 लाख प्राथमिक स्कूलों में 19.67 करोड़ बच्चों का दाखिला हो चुका है. इन बच्चों को पढ़ाने के लिए 66.27 लाख अध्यापक प्राथमिक स्कूलों में उपलब्ध हैं.

सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत किये गए कुछ कार्य निम्नलिखित हैं:

1. सभी प्राथमिक स्कूलों में बुनियादी ढांचे का निर्माण किया गया.

2. प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों को समय-समय पर शिक्षक प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध करवाए गये.

3. बच्चों के लिए पाठ्यपुस्तकों, कंप्यूटरों, पुस्तकालयों की व्यवस्था की गयी.

4. प्राथमिक स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को एक समान समझा गया.

5. लड़कियों के लिए हॉस्टल की सुविधा वाले कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय स्थापित किए गए.

6. विशेष जरूरतों वाले बच्चों को मेडिकल सुविधा प्रदान करने की व्यवस्था की गयी.

7. प्राथमिक विद्यालयों को संगठनों के साथ जोड़ा गया, जिससे स्कूलों में शिक्षा के स्तर की निगरानी हो सके.

विद्यार्थियों को स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी द्वारा किये गये योगदानों को ज़रूर जानना चाहिए क्योंकि विद्यार्थियों को अपने जीवन में अभी बहुत सारी परीक्षाओं को पास करना है. यह जानकारी किसी भी परीक्षा में इनके योगदान पर आधारित प्रश्नों का उत्तर बन सकती हैं.

तो आइये जानते हैं कि वह कौन-कौन से योगदान हैं:

  • अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत के चारों कोनों को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए सड़क मार्गों के विस्तार हेतु “स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना” को प्रारंभ किया था.
  • एक विदेश मंत्री के रूप में, वाजपेयी 1977 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंदी में भाषण देने वाले पहले व्यक्ति थे.
  • वाजपेयी जी के पोखरण में परमाणु परीक्षण का आदेश देने के बाद ही भारत ने मई 1998 में राजस्थान में पोखरण रेगिस्तान में पांच भूमिगत परमाणु परीक्षण किए.
  • उन्होंने पाकिस्तान के साथ पूर्ण पैमाने पर राजनयिक शांति प्रक्रिया के लिए दबाव डाला और कश्मीर विवाद और पाकिस्तान के साथ अन्य संघर्षों को स्थायी रूप से हल करने के उद्देश्य से एक नई शांति प्रक्रिया शुरू की।
  • उन्होंने फरवरी 1999 में दिल्ली-लाहौर बस सेवा का उद्घाटन किया और पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ लाहौर घोषणा पर हस्ताक्षर किए।

निष्कर्ष:

भारत को बेहतर बनाने के लिए स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने निश्चित ही बहुत योगदान किया है. सर्व शिक्षा अभियान के जरिए प्राथमिक स्कूलों में शिक्षा का स्तर बहुत अच्छा हो गया है. अब 6 से 14 साल तक के बच्चे प्राथमिक स्कूल में मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा पा सकते हैं. यह शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति साबित हो रहा है. राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (NCERT) भी इस अभियान में सरकर को अकेडमिक सपोर्ट दे रहा है.

जीवन में कुछ भी करने के लिए पढ़ाई बहुत ही ज़रूरी होती है. व्यक्ति जितना ज्यादा पढ़ा लिखा होता है वह जिंदगी में उतने ही अच्छे निर्णय ले पाता है. यह बात भी सच है कि देश में शिक्षा का औद्योगीकरण बढ़ता ही जा रहा है. इसलिए अच्छी शिक्षा पाना अब बहुत ही मुश्किल होता जा रहा है. इस परेशानी को दूर करने के लिए स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार द्वारा 2000-2001 में “सर्व शिक्षा अभियान” की शुरुआत की गयी थी. सर्व शिक्षा अभियान का मुख्य उद्देश 6 से 14 साल तक के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना था. इस अभियान के तहत अब तक 14.5 लाख प्राथमिक स्कूलों में 19.67 करोड़ बच्चों का दाखिला हो चुका है. इन बच्चों को पढ़ाने के लिए 66.27 लाख अध्यापक प्राथमिक स्कूलों में उपलब्ध हैं.

सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत किये गए कुछ कार्य निम्नलिखित हैं:

1. सभी प्राथमिक स्कूलों में बुनियादी ढांचे का निर्माण किया गया.

2. प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों को समय-समय पर शिक्षक प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध करवाए गये.

3. बच्चों के लिए पाठ्यपुस्तकों, कंप्यूटरों, पुस्तकालयों की व्यवस्था की गयी.

4. प्राथमिक स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को एक समान समझा गया.

5. लड़कियों के लिए हॉस्टल की सुविधा वाले कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय स्थापित किए गए.

6. विशेष जरूरतों वाले बच्चों को मेडिकल सुविधा प्रदान करने की व्यवस्था की गयी.

7. प्राथमिक विद्यालयों को संगठनों के साथ जोड़ा गया, जिससे स्कूलों में शिक्षा के स्तर की निगरानी हो सके.

विद्यार्थियों को स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी द्वारा किये गये योगदानों को ज़रूर जानना चाहिए क्योंकि विद्यार्थियों को अपने जीवन में अभी बहुत सारी परीक्षाओं को पास करना है. यह जानकारी किसी भी परीक्षा में इनके योगदान पर आधारित प्रश्नों का उत्तर बन सकती हैं.

तो आइये जानते हैं कि वह कौन-कौन से योगदान हैं:

·         अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत के चारों कोनों को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए सड़क मार्गों के विस्तार हेतु “स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना” को प्रारंभ किया था.

·         एक विदेश मंत्री के रूप में, वाजपेयी 1977 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंदी में भाषण देने वाले पहले व्यक्ति थे.

·         वाजपेयी जी के पोखरण में परमाणु परीक्षण का आदेश देने के बाद ही भारत ने मई 1998 में राजस्थान में पोखरण रेगिस्तान में पांच भूमिगत परमाणु परीक्षण किए.

·         उन्होंने पाकिस्तान के साथ पूर्ण पैमाने पर राजनयिक शांति प्रक्रिया के लिए दबाव डाला और कश्मीर विवाद और पाकिस्तान के साथ अन्य संघर्षों को स्थायी रूप से हल करने के उद्देश्य से एक नई शांति प्रक्रिया शुरू की।

·         उन्होंने फरवरी 1999 में दिल्ली-लाहौर बस सेवा का उद्घाटन किया और पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ लाहौर घोषणा पर हस्ताक्षर किए।

निष्कर्ष:

भारत को बेहतर बनाने के लिए स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने निश्चित ही बहुत योगदान किया है. सर्व शिक्षा अभियान के जरिए प्राथमिक स्कूलों में शिक्षा का स्तर बहुत अच्छा हो गया है. अब 6 से 14 साल तक के बच्चे प्राथमिक स्कूल में मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा पा सकते हैं. यह शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति साबित हो रहा है. राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (NCERT) भी इस अभियान में सरकर को अकेडमिक सपोर्ट दे रहा है.

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