वस्तुतः रेज्यूमे बनाना अपने आप में एक बहुत बड़ा आर्ट है जिसके अंतर्गत, शब्द चयन, पदोन्नति, संरचना और कुछ अन्य कौशल शामिल होते हैं. यदि आप एक अनप्रोफेशनल रेज्यूमे राईटर के रूप में कुछ गलतियाँ करते हैं, तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं है. एरर फ्री (त्रुटि मुक्त) रेज्यूमे बनाने के लिए यहां कुछ आवश्यक टिप्स दिए गए हैं.
यह जानने के लिए कि लोग रेज्यूमे बनाते समय अक्सर किस तरह की गलतियाँ करते हैं तथा उन्हें कैसे सुधारा जा सकता है ? निचे दिए गए तथ्यों पर गौर कीजिये -
टाइटल्स के क्रम (ऑर्डर ऑफ़ द एलिमेंट्स )
सामान्यतः नियोक्ता या इन्टरव्यूअर किसी एक रेज्यूमे पर अपना ज्यादा समय नहीं देते. लगभग 20 से 40 सेकंड में वे यह तय करते हैं कि एक उम्मीदवार का रेज्यूमे पुनर्विचार के लायक है या नहीं. टाइटल्स क्रम जिसे हर रेज्यूमे में दर्शाया जाता है, का बहुत महत्व होता है. ये टाइटल्स अपने आप में सारा क्रक्स बयान कर देते हैं. सिलसिलेवार ढंग से सभी टाइटल्स, सब टाइटल्स का जिक्र समुचित तरीके से होने पर रेज्यूमे नियोक्ता का ध्यान अपनी ओर अनायास ही खींचते हैं जबकि अव्यवस्थित तरीके से बनाये गए रेज्यूमे को एक नजर में ही रिजेक्ट कर दिया जाता है या फिर अन्य रेज्यूमे की ढेर में रख दिया जाता है. अतः रेज्यूमे बनाते समय इसमें टाइटल्स का जिक्र सिलसिलेवार ढंग से समुचित तरीके से करें. इसका क्रम कुछ इस तरह रखने का प्रयास करना चाहिए -
- नाम, पता और संपर्क जानकारी जैसे मोबाइल नंबर, ईमेल-आईडी
- सारांश या प्रोफ़ाइल के लिए शीर्षक
- कौशल
- व्यावसायिक अनुभव, कार्य अनुभव, या रोजगार इतिहास
- योग्यता
- सतत शिक्षा, व्यावसायिक विकास, या अतिरिक्त प्रशिक्षण
- अन्य सूचना
लंबाई
रेज्यूमे बनाते समय सर्वमान्य नियम कि इसका आकर 2 से 3 पेज होना चाहिए इसका हमेशा पालन किया जाना चाहिए. लेकिन आपको नियोक्ता को बताने के लिए कुछ अन्य प्रासंगिक जानकारी हो, तो आप इसकी लम्बाई में विस्तार भी कर सकते हैं. यदि आपके पास संगत जानकारी है तो आप अपना रेज्यूमे 1 पेज का भी बना सकते हैं. यदि आपको अन्य प्रासंगिक जानकारी भी देनी है तो एक और पेज जोड़ें लेकिन उसका कम से कम एक तिहाई हिस्सा अवश्य भरा होना चाहिए. ऐसा देखा गया है कि सही ओवरफ्लो वाले रेज्यूमे अधिक आकर्षित करते हैं. अतः यथा संभव रेज्यूमे को बहुत लम्बा नहीं बनाना चाहिए.
फॉर्मेट
सारांश, अनुभव, कौशल और योग्यता जैसी सामग्रियों के अतिरिक्त रेज्यूमे का फॉर्मेट भी बहुत महत्व रखता है. यदि आप उपयुक्त, आकर्षक, और ध्यान देने योग्य सामग्री का चयन करने में असावधानी बरतते हैं,तो ध्यान रखिये नियोक्ता आपके रेज्यूमे को नहीं देखने वाला है. सही फॉर्मेट के लिए इसमें आप बोल्ड, इटैलिक, अपरकेस, टेक्स्ट, आदि का प्रयोग कर सकते हैं. यदि आप रेज्यूमे का कोई भी हेडिंग बोल्ड अक्षरों में लिखते हैं, तो सभी हेडिंग तथा सब हेडिंग को बोल्ड अक्षरों में ही लिखें.
रेज्यूमे का फ़ॉन्ट
आपके रेज्यूमे का फ़ॉन्ट टाइम्स न्यू रोमन, एरियल या जॉर्जिया हो सकता है, जिससे आपके रेज्यूमे पर नियोक्ताओं का ध्यान आसानी से आकर्षित हो सकता है. पूरे रेज्यूमे को लिखने के लिए तहमो, ट्रेबचेट, और वेरदान अन्य अच्छे फ़ॉन्ट विकल्प हो सकते हैं. कभी कभी फ़ॉन्ट अस्पष्ट और समझने में कठिन होने के कारण भी रेज्यूमे को रिजेक्ट कर दिया जाता है. अतः अपने रेज्यूमे को प्रभावशाली बनाने के लिए फ़ॉन्ट का प्रयोग बहुत सोच समझकर करना चाहिए.
मार्जिन
रेज्यूमे बनाते समय मार्जिन का भी पूरा ख्याल रखें. पृष्ठ के ऊपर निचे तथा दायें एवं बाएं थोड़ा खाली स्थान अवश्य छोड़ें. इन्टरव्यू के दौरान इन जगहों पर रीमार्क्स दिए जा सकते हैं. मान लीजिये इन्टरव्यूअर आपका इन्टरव्यू लेते समय अन्य अभ्यर्थियों से आपको अलग दिखाने के लिए कुछ मार्क करना चाहता है और आपके रेज्यूमे में बिलकुल स्पेस नहीं है, तो इससे आपकी नकारात्मक छवि नियोक्ता के ऊपर पड़ती है. अतः हमेशा उचित मार्जिन छोड़ें. इसके लिए निम्नांकित बातों को ध्यान में रखिये -
- स्वच्छ और पठनीय दिखने के लिए चारो तरफ पर्याप्त "सफेद स्थान" छोड़ें
- इन्टरव्यूअर द्वारा पृष्ठ पर रीमार्क्स देने के लिए स्पेस छोड़ना जरुरी है.
- एक ही पेज में सभी प्रासंगिक जानकारी को समाहित करने के लिए
निष्कर्ष
एक अन प्रोफेशनल रेज्यूमे राईटर की तरह अभ्यर्थी अपना रेज्यूमे बनाते समय बहुत सारी गलतियां करते हैं. वे एक आकर्षक और प्रभावशाली रेज्यूमे के लिए आवश्यक फॉर्मेट, फॉन्ट तथा टाइटल्स का चयन तथा सटीक वर्णन करने में असफल होते हैं.इस वजह से रेज्यूमे आकर्षक नहीं होने के कारण अक्सरहां आपकी अयोग्यता को जाहिर करता है. अतः इन्टरव्यू में सेलेक्शन हेतु आकर्षक तथा प्रभावशाली रेज्यूमे बनाने के लिए ऊपर बताये गए तथ्यों पर अवश्य ध्यान दें.
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