आज कैरियर सम्बन्धित जानकारियों के सिलसिले में बात करते हैं एक ऐसे कैरियर की जो इंडिया में अभी अपने शुरूआती स्टेज में हैं और भविष्य में इसके ग्रोथ और प्रचलन की बहुत ज्यादा सम्भावना है. आज कैरियर के फील्ड में हमारे युवाओं के पास विकल्पों की कमी नहीं है. नई टेक्नोलॉजी ने नौकरियों के लिए नए-नए द्वार खोल दिए हैं. ऐसी हीं एक नई जॉब के बारे में हम आज बात करेंगे जिसका नाम है ‘कंसल्टेंट’.तो आइए आज हम जानते हैं कि कंसल्टेंट कैसे बने? कंसल्टेंट बनने के लिए क्या है योग्यता, चयन प्रक्रिया व कहाँ मिलेगी नौकरी.
कंसल्टेंट जॉब्स क्या होता है?
इस क्रम में सबसे पहले हम आपको बताएँगे कि कंसल्टेंट या सलाहकार आखिर कहते किसे हैं. तो जैसा कि नाम से जाहिर है कि कंसल्टेंट दक्षता बढाने के लिए काम करते हैं. बड़ी बड़ी कम्पनियों, संगठनों या सरकारी इकाइयों के लिए मैनेजमेंट कंसल्टेंट अपने हुनर तथा बुद्धि से यह काम किया करते हैं, जिससे ये संगठन अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकें. अपने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक कंसल्टेंट संगठन की संरचना को बदलता है तथा आर्गेनाइजेशन के प्रॉफिट तथा दक्षता में सुधार लाने के लिए नए नए प्रयोगों और मार्गों की दिशा में काम करता है. कंसल्टेंट को मैनेजमेंट कंसल्टेंट या मैनेजमेंट एनालिस्ट भी कहा जाता है. संक्षेप में कहें तो कंसल्टेंट का दायित्व सर्वप्रथम सम्पूर्णता से संगठन के कार्य प्रणाली को देखना और फिर जिन क्षेत्रों में आवश्यकता है वहाँ कार्य की दक्षता को बढ़ाने के लिए काम करना है. इस कार्य के लिए उसका किसी विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञ होना अनिवार्य है जैसे - हेल्थ केयर, मैन्युफैक्चरिंग, एजुकेशन इत्यादि. अल्टरनेटिवली एक कंसल्टेंट का फोकस फंक्शन पर हो सकता है जैसे - ह्यूमन रिसोर्सेज, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी या इन्वेंटरी कण्ट्रोल पर.
कंसल्टेंट बनने के लिए क्या है योग्यता -
कंसल्टेंट्स विभिन्न शैक्षणिक पृष्ठभूमि से सम्बन्ध रख सकते हैं. फिलहाल कंसलटेंट बनने के लिए कोई विशेष बैचलर डिग्री प्रोग्राम नहीं होता है और बिज़नस, इकोनॉमिक्स, मैनेजमेंट, एकाउंटिंग, पोलिटिकल साइंस, कंप्यूटर साइंस, या इंग्लिश इत्यादि किसी भी विषय में ग्रेजुएट डिग्री रखने वाले सम्बंधित विषयों के मैनेजमेंट कंसल्टेंट्स बन सकते हैं. क्यूँकि कंसल्टेंट्स का काम मुख्यतः बिज़नस और आर्गेनाईजेशन के ऑपरेशन को इमप्रूव करना होता है, इसलिए आमतौर पर इस पद के लिए कैंडिडेट का बिज़नस या मैनेजमेंट बैकग्राउंड से होना प्रेफर किया जाता है. इस वजह से कुछ कंसल्टेंट्स मास्टर्स ऑफ़ बिज़नस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) की डिग्री भी रखते हैं. कई कॉलेज और यूनिवर्सिटीज बिज़नस एनालिसिस में ग्रेजुएट सर्टिफिकेट प्रोग्राम भी ऑफर करती हैं.
कंसल्टिंग फर्म अलग-अलग बैकग्राउंड से सम्बन्ध रखने वाले एसोसिएट्स को हायर करती हैं और कंसलटेंट बनने की ट्रेनिंग देती हैं. इस ट्रेनिंग में वर्कशॉप अटेंड करना, मेंटर के साथ काम करना इत्यादि शामिल होता है. वैसे मैनेजमेंट कंसल्टेंट को अपना निजी प्रैक्टिस करने के लिए किसी लाईसेंस की आवश्यकता नहीं होती है.
कंसल्टिंग इंडस्ट्री में मुख्यतः नौ तरह के कंसल्टेंट जॉब्स हुआ करते हैं. स्ट्रेटेजी कंसल्टेंट, मैनेजमेंट कंसल्टेंट, ओपरेशन कंसल्टेंट, फाइनेंसियल एडवाइजरी कंसल्टेंट, ह्यूमन रिसोर्स कंसल्टेंट, आई टी कंसल्टेंट, पब्लिक रिलेशन कंसल्टेंट, लीगल कंसल्टेंट, सोशल मिडिया कंसल्टेंट इत्यादि. आप इनमें से अपनी पसंद और योग्यतानुसार जॉब आप्शन चुन सकते हैं.
कैसे आप एक कंसल्टेंट की जॉब हासिल कर सकते हैं -
अगर आपको लगता है कि आपमें एक सफ़ल कंसल्टेंट बनने के सभी गुण मौजूद हैं और आप कंसल्टेंट की लाइन में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं तो आइए हम आपको बताते हैं कि आप अपने इस सपने को कैसे साकार रूप प्रदान कर सकते हैं. जो कंसल्टेंट कंसल्टिंग फर्म में इन्ट्री लेबल पोजीशन से अपने कैरियर की शुरुआत करना चाहते हैं वो बैचलर डिग्री (चार वर्ष) प्रोग्राम कम्प्लीट करने के बाद यह काम कर सकते हैं.
कंसल्टें के लिए चयन प्रक्रिया -
कंसल्टेंट के पद के लिए चयन आमतौर पर इन्टरव्यू के आधार पर होता है. बहुत से कंसल्टिंग फर्म अपने यहाँ कंसल्टेंट के पदों के लिए रिक्तियाँ आवेदित करते रहते हैं. सबसे पहले आपको इन संस्थाओं या संगठनों के कंसल्टेंट जॉब के फॉर्म को भरना चाहिए. इसके बाद आपको इन्टरव्यू के लिए बुलाया जाएगा जहाँ आपको किसी बिजनेस से सम्बंधित केस स्टडी दी जायेगी और आपको उसके प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए स्ट्रेटेजी बनाने के लिए कहा जा सकता है आपका चयन आपके द्वारा बनाए गए स्ट्रेटेजी की क्षमता पर निर्भर कर सकता है. कंसल्टेंट के पद के लिए मुख्य रूप से आपकी कार्य कुशलता को हीं देखा जाता है.
कहाँ मिलेगी नौकरी -
कंसल्टेंट की जॉब के लिए संगठनों की कमी नहीं है . आप इस जॉब के लिए सरकारी इकाइयों से लेकर बिजनेस ओर्गेनाईजेशन, कंसल्टिंग फर्म, हॉस्पिटल, विभिन्न कम्पनियाँ, हेल्थ केयर, मैन्युफैक्चरिंग, एजुकेशन इत्यादि अनेक स्थानों पर काम की तलाश कर सकते हैं.
कंसल्टेंट की सैलरी -
अगर सैलरी की बात की जाए तो हमारे देश के लिए कंसल्टेंट की जॉब अभी अपने शुरूआती स्टेज में है या यूँ कहें कि यह एक नया प्रोफेशन है. सो इंडिया में एक कंसल्टेंट की एवरेज सैलरी लगभग आठ लाख (8,00000) रूपए सालाना हुआ करती है. वैसे फेडरल गवर्मेंट और मैनेजमेंट, साइंटिफिक और टेक्नीकल कंसल्टिंग सर्विस में काम करने वाले कंसल्टेंट की मासिक और सालाना आय आमतौर पर ज्यादा होती है. इसी के साथ भविष्य में इस राशि के बढ़ने की बहुत ज्यादा सम्भावना है.
आयु सीमा - जहाँ अन्य प्रोफेशन में कैंडिडेट के लिए एक निश्चित आयु सीमा निर्धारित हुआ करती है वही एक कंसल्टेंट के लिए आयु सीमा की कोई बाध्यता नहीं होती. कुछ कंसल्टेंट अपने एक्सपरटाईज एरिया में काफी सालों के वर्किंग एक्सपीरियंस के बाद इस क्षेत्र में कदम रखते हैं. ऐसे एक्सपीरियंसड कंसल्टेंट को हायर करने वाली सार्वजनिक कंपनियों को काफी फायदा होते हुए देखा गया है.
भविष्य में कंसल्टेंट की जॉब संभावनाएँ -
ब्यूरो ऑफ़ लेबर के स्टेटिस्टिक्स के अनुसार 2020 तक मैनेजमेंट कंसल्टेंट के इम्प्लोयमेंट में 19% का ग्रोथ होने की पुरी सम्भावना है. कंसल्टेंट के लिए जॉब्स की उपलब्धता भविष्य में काफी बढ़ेगी और इसी उपलब्धता के साथ इस क्षेत्र में कॉम्पीटिशन भी निश्चित रूप से बढने वाला है.
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