| देश-दुनिया के अधिकतर स्टूडेंट्स मैथ्स से डरते हैं लेकिन, अक्सर अनेक स्टूडेंट्स 11वीं क्लास में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स (PCM) का कॉम्बिनेशन लेकर अपनी पढ़ाई भी जारी रखना चाहते हैं. दरअसल, स्टूडेंट्स के लिए PCM का कॉम्बिनेशन इंजीनियरिंग, सीए, एमबीए और मेडिकल लाइन के लिए पहली शर्त है. फिजिक्स और केमेस्ट्री के साथ अक्सर मैथ्स की जरुरत पड़ती है. लेकिन, मैथ्स के डर की वजह से अनेक स्टूडेंट्स मैथ्स में बहुत कम मार्क्स लेकर पास होते हैं या फिर फेल हो जाते हैं. हालांकि, मैथ्स पर रिसर्च द्वारा साबित किये जाने के साथ ही कई मैथ्स एक्सपर्ट्स भी स्टूडेंट्स को यह समझाते हैं कि अगर एक बार आपकी रूचि इस सब्जेक्ट में हो जाय और आपकी समझ में मैथ्स अच्छी तरह से आने लगे तो यह एक सौ फीसदी स्कोरिंग सब्जेक्ट है. अगर स्टूडेंट्स मैथ्स को गंभीरता से लें और खूब मेहनत करें तो वे मैथ्स को अच्छी तरह समझने लगेंगे और इसकी लगातार प्रैक्टिस करने पर स्टूडेंट्स मैथ्स में सौ फीसदी मार्क्स भी हासिल कर लेंगे. आइये आगे पढ़ें यह आर्टिकल और जानें मैथ्स स्कॉलर बनने के कुछ कारगर टिप्स: स्टूडेंट्स मैथ्स के निम्नलिखित कारगर टिप्स सीखकर बनें मैथ्स स्कॉलर
मैथ्स एक्सपर्ट बनने का एकमात्र तरीका इसका अधिकतम से अधिकतम प्रैक्टिस करना है. इसके लिए सबसे पहले स्टूडेंट को चाहिए कि वे मैथ्स के विभिन्न कॉन्सेप्ट को अच्छी तरह से समझें और फिर मैथ्स की लगातार प्रैक्टिस जारी रखें. पहले दिन से ही स्टूडेंट्स को मैथ्स की अच्छी प्रैक्टिस शुरू कर देनी चाहिए. ऐसा करने पर, एग्जाम के दिन तक स्टूडेंट्स को सभी कॉन्सेप्ट्स अच्छी तरह से समझ में आ जायेंगे. अगर कभी कभी ऐसा संभव नहीं हो पाता है तो इसके लिए चिंतित होने की जरुरत नहीं है लेकिन बेहतर यही होगा की आप अपनी प्रैक्टिस को निरंतर बनाये रखें
इसके साथ ही स्टूडेंट्स मैथ्स की प्रॉब्लम सॉल्व करते समय अपने सभी स्टेप पर पूरा ध्यान दें. जब आपके सभी स्टेप्स सहीं हों तो आप अब सिंपल सवालों को सॉल्व करें और उसके बाद फिर कठिन सवालों में एक्सपर्ट बनें.
मैथ्स के सवालों को हल करते समय कोई डाउट होने पर सबसे पहले उसे सही तरीके से समझते हुए दूर करने की कोशिश करें. मैथ्स के डाउट्स को छोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश हरगिज मत कीजिये. किसी भी टॉपिक से जुड़े डाउट को आप जितना जल्दी हल करते हैं उतना ही आपकी उस टॉपिक पर पकड़ मजबूत बनती है. आप अपने डाउट्स को दूर करने में अपने टीचर,फ्रेंड या ऑनलाइन एप्स की मदद ले सकते हैं.
आप अधिकांश समय ज्यादातर चीजों को अपने मेमोरी में कलेक्ट करके रखते हैं. लेकिन कभी कभी यह अवचेतन मन में होने के कारण पूरी तरह से याद नहीं आता है. इसलिए आपने देखा होगा अक्सर लोग फ़ॉर्मूला तथा डायग्राम को अपने टेबल के सामने लगाकर रखते हैं. अगर संभव हो सके तो आप सभी फ़ॉर्मूला को नोट डाउन करके रखें और खूब अच्छी तरह याद भी कर लें. इसी तरह, जरुरत पड़े तो अपने स्टडी रूम या टेबल पर चिपका कर रखें ताकि हमेशा आपकी नजर उस पर पड़ती रहे.
अपने मैथ्स के एग्जाम के लिए स्टूडेंट्स मैथ्स के विभिन्न फ़ॉर्मूलाज़ को सीधे सीधे रटने की बजाय उसकी डिराइवेशन को समझें. इसे समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है लेकिन एक बार उसकी डिराइवेशन या व्युत्पति को समझ गए तो समझ लीजिये जिंदगी भर के लिए उसपर आपकी पकड़ बहुत मजबूत हो गई और अब आप उससे जुड़े हुए किसी भी सवाल को आसानी से सॉल्व कर सकते हैं. स्टूडेंट्स हमेशा फ़ॉर्मूला रटने के बजाय उसके पीछे के लॉजिक को समझने की कोशिश करें. उदाहरण के लिए आपको सिर्फ फ़ॉर्मूला सीखने और नंबर रिप्लेस करना सीखने की बजाय यह जानना चाहिए कि क्यों गति केवल दुरी और समय का कार्य हैं ? यदि आप इसे सिर्फ सीखते या रटते हैं तो हो सकता है कि बाद में आप इसे भूल जाएं लेकिन अगर आपका कॉन्सेप्ट क्लियर हो गया तो इसे आजीवन याद रखना संभव होगा.
स्टूडेंट्स के लिए सबसे महत्वपूर्ण है मैथ्स के बेसिक्स को अपने ध्यान में रखना. यहां तक कि अगर आप जेईई के लिए तैयारी कर रहे हैं, तो आपको 12 से लेकर 9 वीं क्लास तक के सभी मैथ्स बेसिक्स को ध्यान में रखना होगा तभी आप मैथ्स के क्वेश्चन पेपर को हल कर पाएंगे. मैथ्स में अधिकतर चैप्टर्स पिछले चैप्टर पर आधारित होते हैं. अगरआपकी बेसिक्स उतनी मजबूत नहीं है तो आप पिछले साल के सवालों को हल करते समय सभी बेसिक्स को दुबारा से सीखने और समझने की कोशिश करें. ये टिप्स इतने कारगर हैं कि अगर स्टूडेंट्स इन टिप्स पर 1-2 साल भी गंभीरतापूर्वक अमल करें तो फिर वे यकीनन एक मैथ्स एक्सपर्ट बनकर अपना मनचाहा करियर गोल हासिल कर लेंगे. स्टूडेंट्स के लिए एक अच्छी खबर यह भी है कि मैथ्स विषय पर आधारित कई करियर ऑप्शन्स ऐसे हैं जिनमें स्टूडेंट्स को लाखों रुपये सैलरी पैकेज के जॉब ऑफर मिल सकते हैं. |
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मनीष कुमार ने वर्ष 2006 में आईआईटी, बॉम्बे से मेटलर्जिकल एंड मेटीरियल साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की. उसके बाद इन्होंने जॉर्जिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, यूएसए से मेटीरियल्स साइंस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की और फिर इंडियन स्कूल फाइनेंस कंपनी ज्वाइन कर ली, जहां वे बिजनेस स्ट्रेटेजीज एंड ग्रोथ के लिए जिम्मेदार कोर टीम के सदस्य थे. वर्ष 2013 में, इन्होंने एसईईडी स्कूल्स की सह-स्थापना की. ये स्कूल्स भारत में कम लागत की के-12 एजुकेशन की क्वालिटी में सुधार लाने पर अपना फोकस रखते हैं ताकि क्वालिटी एजुकेशन सभी को मुहैया करवाई जा सके. वर्तमान में ये टॉपर.कॉम के प्रोडक्ट – लर्निंग एंड पेडागोजी विभाग में वाईस प्रेजिडेंट हैं.
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