स्कूल एजुकेशन;तब और अब...
विद्यालय की शिक्षा दिन प्रति दिन परिवर्तित होती जा रही है. जब हम स्कूल जाते थे तब शायद ही हमने इस बात पर ध्यान दिया होगा कि हम कौन सी नौकरी करेंगे या किस फील्ड में अपना करियर बनायेंगे. हमेशा हमारा ध्यान कॉलेज के लाइफस्टाइल पर होता था और कॉलेज के तीन सालों के बीतने के बाद हम में से कईयों ने खुद को जीवन के उस चौराहे पर देखा होगा, जहाँ हमें हमारे अगले चरण के बारे में पता ही नहीं था कि करना क्या है? यह वह चरण होता है जो हमारे करियर और भविष्य को बना या बिगाड़ सकता है.
ऐसे समय में कई बार हम हमारे परिवार की अपेक्षा, अपनी ज़रूरतें और अन्य बातों को मद्देनज़र रखते हुए, केवल इन ज़रूरतों पर अपना ध्यान केन्द्रित कर लेते हैं और अपना करियर, अपनी रुचि के बारे में नही सोचते हैं जिसका भुक्तान हमें जीवन भर करना पड़ता है.
अब वैसा समय नहीं रहा. तब से अब तक के समय में काफी बदलाव आ गया है और अब स्कूल जाने वाले बच्चे अपने भविष्य के लिए खुद को पहले से ही तैयार कर रहे हैं. अधिकतर बच्चों को पहले से ही पता होता है कि उन्हें आगे अपना करियर किस फील्ड में बनाना है या वास्तव में उनकी रूचि कहाँ है और वह कहां बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं. इतना ही नहीं बच्चे अपनी रूचि के अनुसार अपना प्रयास भी शुरू कर देते हैं.
कक्षा 10 और कक्षा 12, एक छात्र के जीवन के दो प्रारंभिक चरण होते हैं क्यूंकि इन दोनों परीक्षाओं का परिणाम ही एक छात्र के भविष्य को काफी हद तक प्रभावित करता है और साथ ही ये चरण जीवन में आगे मिलने वाली प्रतियोगिताओं का पूर्ण आधार होता है.
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छात्रों को हाई स्कूल से ही शुरू कर देनी चाहिए करियर प्लानिंग
दरअसल आज के competition के दौर में कोई भी पीछे नहीं रहना चाहता और हर कोई अपने सपनो को सच करना चाहता है. इसलिए विद्यार्थियों को स्कूल के दौरान ही अपने सपनों या अपनी रूचि के अनुसार आगे बढ़ने के लिए एक उचित रणीनीति तैयार कर लेनी चाहिए. छात्रों को अपने माता-पिता और शिक्षकों के साथ भी अपने विचारों और सपनों पर चर्चा करना चाहिए. आप चाहें तो अपने दोस्तों या अपने सीनियर्स से भी अपने करियर प्लान्स पर उनके विचार ले सकते हैं.
हालांकि आज कल कई स्कूलों में बच्चों को सही करियर मार्गदर्शन देने के लिए करियर काउंसेलर्स होते हैं जोकि बच्चों को उनकी रूचि और प्रतिभा के अनुसार एक सही सुझाव देते हैं.
इस तरह यदि आप प्रारंभिक समय से ही अपनी रूचि के अनुसार अपने करियर के लिए तैयारी शुरू कर दें तो अकादमिक शिक्षा पूरी होने के बाद सामने मौजूद अनेक करियर विकल्पों में से आप सर्वोत्तम विकल्प को चुनते हुए भविष्य में आगे बढ़ सकते हैं.
स्कूल के पश्चात् क्या होगा पहला कदम
स्कूल के पश्चात् क्या करना है यह एक महत्वपूर्ण निर्णय होता है जिसके लिए छात्रों को परीक्षा परिणाम का इंतज़ार नहीं करना चाहिए. पहले से ही यह निर्णय ले लें कि आपको किसी प्रतियोगिता परीक्षा के लिए ख़ुद को तैयार करना है या ग्रेजुएशन में किसी विकल्प को चुन कर आगे बढ़ना है.
सही चुनाव के अनुसार ही अपनी आगे की तैयारी शुरू कर दें. आज-कल कई करियर काउन्सलिंग कोचिंग स्कूलों में और स्कूल के बाहर छात्रों के लिए उपलब्ध हैं जो आपके करियर मार्गदर्शन के लिए काफी सहायक साबित हो सकते हैं.
स्कूल से शुरू की गई तैयारी होती है बहुत प्रभावशाली
जो छात्र सक्रिय रूप से स्कूल में करियर कोचिंग और करियर से जुड़ी सभी प्रोग्राम्स में भाग लेते हैं, उनके पास अपने करियर प्लान्स को लेकर एक स्पष्ट प्रारूप तैयार होता है. जब वे आगे बढ़ते हैं तो उन्हें अपने करियर गोल्स के बारे में सभी चीजें स्पष्ट रूप से पता होती हैं जिस कारण आगे उनके लिए निर्णय लेना बहुत आसान होता है. इस तरह की तैयारी छात्रों को एक पूरी योजना के साथ-साथ अच्छा विकल्प प्रदान करने में भी सहायक साबित होती है. आज कल तो कई कई ऑनलाइन पोर्टल मौजूद हैं जो छात्रों को सही करियर विकल्प चुनने में सलाह देते हैं. आज-कल स्कूलों में एक्सपर्ट्स की व्यवस्था भी होती है जो छात्रों के साथ सीधे इंटरैक्ट करते हैं, जहां छात्र सवाल पूछते हैं और एक्सपर्ट्स उनके उत्तर देते हैं जो कि उनके करियर और रूचि से जुड़ी दुविधाओं को कम करने में एक अहम भूमिका निभाते हैं.
निष्कर्ष : इस आर्टिकल में सभी बातों का एक सीधा मतलब यह है कि यदि छात्र प्रारंभिक समय में ही अपनी रूचि को समझ कर अपने करियर गोल्स निश्चित कर लें तो वह जीवन में ज़रूर सफ़लता प्राप्त करेगा.
शुभकामनाये !!
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