RPSC RAS Cut Off 2025: राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) प्रारंभिक परीक्षा 2025 का परिणाम और कट ऑफ मार्क्स आधिकारिक वेबसाइट rpsc.rajasthan.gov.in पर जारी कर दिए हैं। जो उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए थे, वे अब अपने परिणाम और कट ऑफ अंक चेक कर सकते हैं।
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RPSC RAS Cutoff 2025 OUT
RPSC RAS ने 20 फरवरी, 2025 को प्रीलिम्स रिजल्ट जारी कर दिया है। रिजल्ट के साथ ही RPSC ने 2024 प्रीलिम्स परीक्षा के लिए प्रीलिम्स कटऑफ अंक भी जारी कर दिए हैं। पुरुष और महिला उम्मीदवारों के लिए कटऑफ अंक अलग-अलग जारी किए गए हैं। RPSC RAS कटऑफ 2025 के लिए नीचे दी गई तालिका देखें।
कैटेगरी | पुरुष अभ्यर्थी के लिए कट-ऑफ अंक | महिला अभ्यर्थी के लिए कट-ऑफ अंक |
GEN. (UR) | 71.59 | 69.8 |
GEN (SA) | 65.32 | 62.19 |
SC | 63.98 | 59.51 |
SC (SA) | 55.48 | - |
ST | 67.56 | 63.98 |
ST (SA) | 46.98 | 42.51 |
OBC | 71.59 | 69.8 |
MBC | 71.59 | 63.98 |
EWS | 71.59 | 69.8 |
यहां पढ़ें:
RPSC RAS Cut Off Marks 2025 के कारक क्या है?
राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) द्वारा आयोजित राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) परीक्षा 2025 की कट-ऑफ कई महत्वपूर्ण कारकों पर निर्भर करती है। आइए इन कारकों को विस्तार से समझते हैं—
1. परीक्षा का कठिनाई स्तर
- अगर प्रश्नपत्र आसान होता है, तो अधिक उम्मीदवार उच्च अंक प्राप्त करते हैं, जिससे कट-ऑफ बढ़ सकती है।
- कठिन प्रश्नपत्र होने पर औसत स्कोर कम रहता है, जिससे कट-ऑफ कम होने की संभावना रहती है।
2. रिक्तियों की संख्या
- अगर इस वर्ष अधिक पदों पर भर्ती हो रही है, तो कट-ऑफ अपेक्षाकृत कम रह सकती है।
- कम रिक्तियों की स्थिति में प्रतिस्पर्धा बढ़ती है और कट-ऑफ अधिक हो सकती है।
3. अभ्यर्थियों की संख्या
- यदि परीक्षा में अधिक उम्मीदवार शामिल होते हैं, तो प्रतिस्पर्धा बढ़ती है और कट-ऑफ अधिक हो सकती है।
- कम उम्मीदवारों की स्थिति में कट-ऑफ कम रहने की संभावना रहती है।
4. पिछले वर्षों की कट-ऑफ ट्रेंड
- RPSC आमतौर पर पिछले वर्षों की कट-ऑफ को ध्यान में रखकर चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाता है।
- अगर पिछले साल कट-ऑफ अधिक रही थी, तो इस साल भी इसका प्रभाव पड़ सकता है।
5. कैटेगरी-वाइज आरक्षण
- अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) आदि के लिए अलग-अलग कट-ऑफ निर्धारित की जाती है।
- आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए कट-ऑफ सामान्य वर्ग की तुलना में कम होती है।
6. नेगेटिव मार्किंग और स्कोरिंग पैटर्न
- अगर परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग लागू होती है, तो छात्रों के अंक अपेक्षाकृत कम आ सकते हैं, जिससे कट-ऑफ पर असर पड़ सकता है।
- स्कोरिंग पैटर्न (जैसे अधिकतम अंक, विषयवार अंक वितरण) भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
7. परीक्षा के विभिन्न चरणों का प्रभाव
- प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) की कट-ऑफ मुख्य परीक्षा (Mains) के लिए क्वालिफाइंग नेचर की होती है।
- मुख्य परीक्षा (Mains) और साक्षात्कार (Interview) के अंक अंतिम मेरिट लिस्ट को प्रभावित करते हैं।
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